कोरोना इफैक्टः इस साल बढ़ सकते हैं आम के दाम‍!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 May, 2020 03:34 PM

corona effect mango prices may increase this year

इस साल आम का स्वाद आपकी जेब पर भारी पड़ने वाला है। लॉकडाउन के चलते कीटनाशकों का छिड़काव न होने और आंधी की वजह से करीब 25 फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है। मलिहाबाद का दशहरी आम अपने स्वाद के लिए देश-विदेश में जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,

नई दिल्लीः इस साल आम का स्वाद आपकी जेब पर भारी पड़ने वाला है। लॉकडाउन के चलते कीटनाशकों का छिड़काव न होने और आंधी की वजह से करीब 25 फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है। मलिहाबाद का दशहरी आम अपने स्वाद के लिए देश-विदेश में जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में सालाना लगभग 2.2 करोड टन आम का उत्पादन होता है। इसमें, लगभग 20 लाख टन उत्पादन के साथ, पश्चिम बंगाल सबसे बड़े योगदान देने वाले राज्यों में से एक है।

लॉकडाउन ने पश्चिम बंगाल में भी आम के पूरे व्यापार को संकट में डाल दिया है। राज्य के आम उत्पादक क्षेत्रों में गंभीर आर्थिक संकट पैदा हो गया है। पश्चिम बंगाल भारत के राष्ट्रीय आम उत्पादन में सबसे बड़ा योगदान देता है। यहां करीब लगभग 40% आम पैदा होता है।
 
पश्चिम बंगाल में मालदा, मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों के लोगों की आम से ही रोजी-रोटी चलती है। आम के पेड़ों में दवा छिड़कने के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं। इस वजह से लग रहा है कि 50 फीसदी ही आम की पैदावार होगी। वहीं, सरकार ने किसानों को बीज और कीटनाशक खरीदने के लिए लॉकडाउन से छूट तो दी है लेकिन अब काफी देर हो चुकी है। इसके अलावा बाजार बंद होने से कीटनाशक मिल भी नहीं रहे हैं। पिछले 10-15 दिन में कई बार तेज आंधी आने से आम की फसल बर्बाद हो गई है।

इस साल करीब 25 फीसदी नुकसान हुआ है। फसल का बीमा न होने से बागान मालिकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

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