Edited By rajesh kumar,Updated: 31 Jul, 2020 04:12 PM
कोरोना महामारी के इस दौर में सबसे ज्यादा गरीब लोगों पर असर पड़ा है। हाल में हुए ताजा सर्वे की रिपोर्ट की मानें तो करीब 40 फीसदी गरीब परिवार कर्जे के जाल में फंस गए हैं। महामारी के इस काल में आधे से ज्यादा परिवारों में कमाने वाले को अपनी नौकरी से हाथ...
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के इस दौर में सबसे ज्यादा गरीब लोगों पर असर पड़ा है। कोरोने से करीब 40 फीसदी गरीब परिवार कर्जे के जाल में फंस गए हैं। महामारी के इस काल में आधे से ज्यादा परिवारों में कमाने वाले को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। Dalberg-Kantar ने 5 अप्रैल से 3 जून के बीच कुल 47000 परिवारों पर सर्वे किया। कोरोना वायरस का निम्न आय वर्ग पर परेशान करने की तस्वीर सामने आई है। हालांकि PDSऔर कैश ट्रांसफर स्कीम से कुछ गरीब परिवारों को राहत मिली है।
दो तिहाई ज्यादा कर्ज का बोझ बढ़ा
Dalberg-Kantar सर्वे की रिपोर्ट की मानें तो कम आय के परिवार वालों पर कोरोना का कहर सबसे ज्यादा बरपा है। इस वर्ग में हर 4 में से 3 शख्स की नौकरी गई है। हर 5 में 2 शख्स कर्ज के बोझ से दबा है। इस सर्वें से यह बात सामने निकल आई है कि कोरोना काल में कमाई से दो तिहाई ज्यादा कर्ज का बोझ बढ़ा है।
कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की वजह शहरी इलाकों में करीब 80 फीसदी लोगों को अपनी नौकरियां गवांनी पड़ी है। लेकिन PDS और कैश ट्रांसफर से थोड़ी मदद मिली है। 10 में 9 लोगों को PDS से सरकारी राशन मिला है। 14 फीसदी को कैश ट्रांसफर से मदद नहीं मिली है।