Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Mar, 2020 10:23 AM
चीन में कोरोना वायरस संक्रमण से निर्माण, परिवहन और रसायन विनिर्माण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। आई.सी.आई.सी.आई. सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत मुख्य रूप से कच्चे तेल और रत्न एवं आभूषण का आयात...
नई दिल्लीः चीन में कोरोना वायरस संक्रमण से निर्माण, परिवहन और रसायन विनिर्माण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। आई.सी.आई.सी.आई. सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत मुख्य रूप से कच्चे तेल और रत्न एवं आभूषण का आयात करता है। देश के कुल आयात में इनकी हिस्सेदारी 46 प्रतिशत है। चीन में आए संकट से ये दोनों क्षेत्र बचे हुए हैं। चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस संक्रमण 2019 के अंत में शुरू हुआ। अब तक यह 5000 से अधिक लोगों की जान ले चुका है और दुनिया भर में एक लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वायरस की वजह से मरने वालों की संख्या का आंकड़ा काफी ऊंचा है। बड़ी संख्या में लोग अभी इससे संक्रमित हैं। ऐसे में अभी इससे संघर्ष समाप्त नहीं हुआ है। यह वायरस अब 100 से अधिक देशों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018-19 में भारत के 507 अरब डॉलर के आयात में 26 प्रतिशत हिस्सा लौह एवं इस्पात तथा रसायनों का रहा था। वायरस की वजह से इन क्षेत्रों पर सबसे कम असर पड़ा है। रिपोर्ट कहती है कि लौह एवं इस्पात क्षेत्र पर कोरोना वायरस का असर कम रहेगा क्योंकि भारत द्वारा चीन से इसका सिर्फ 11 प्रतिशत का आयात किया जाता है। भारत इसका सबसे अधिक आयात दक्षिण कोरिया से करता है। वहीं दक्षिण कोरिया अपनी जरूरत का 20 प्रतिशत चीन से आयात करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रसायन क्षेत्र पर भी इसका असर सीमित रहेगा। चीन से रसायनों का आयात करीब 15 प्रतिशत है।
इसमें कहा गया है कि 5 आयात उत्पाद ऐसे हैं जिन पर भारत काफी हद तक चीन पर निर्भर है। इनमें इलैक्ट्रिकल मशीनरी, मशीनरी और मैकेनिकल उपकरण, जैविक रसायन, प्लास्टिक और ऑप्टिकल तथा सर्जरी के उपकरण। देश के कुल आयात में इन उत्पादों का हिस्सा 28 प्रतिशत है।