Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Oct, 2020 04:03 PM
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी की बात कही है। आईएमएफ ने बाई-एनुअल वर्ल्ड इकोनॉमी आउटलुक में कहा है कि इस साल सभी इमर्जिंग मार्केट और डेवलपिंग इकोनॉमी में गिरावट की आशंका है। इसमें खासतौर पर भारत और इंडोनेशिया
वाशिंगटनः अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की चपेट में आई भारतीय अर्थव्यवस्था को इस भयानक संकट से उबारने के लिए सरकार को राजकोषीय और मौद्रिक उपायों के साथ ही संरचनात्मक उपाय भी करने होंगे।
आईएमएफ ने अपने अनुमानों में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020 के दौरान 10.3 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है। इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा कि 2021 में भारत की वृद्धि दर प्रभावशाली सुधार दर्ज करते हुए 8.8 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच सकती है लेकिन इसके लिए देश को विभिन्न क्षेत्रों में अपने प्रयासों को तेज करना होगा।
आईएमएफ के शोध विभाग के प्रभाग प्रमुख मल्हार श्याम नाबर ने आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की वार्षिक बैठक के मौके पर कहा कि निश्चित रूप से आगे जो बातें की जा सकती हैं, उनमें राजकोषीय उपाय शामिल हैं लेकिन आईएमएफ का मानना है कि इस महामारी से प्रभावित हुए परिवारों और कंपनियों को मदद पहुंचाना अधिक जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्यक्ष खर्च और कर राहत उपायों पर अधिक जोर देने की जरूरत है, और नकदी समर्थन, ऋण गारंटी जैसे उपायों पर थोड़ा कम भरोसा करने की आवश्यकता है, हालांकि ये अर्थव्यवस्था में ऋण प्रावधान बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के उपायों पर अधिक जोर दिया गया, लेकिन आईएमएफ को लगता है कि प्रत्यक्ष राहत और व्यय समर्थन अधिक मात्रा में मुहैया कराने की जरूरत है।