Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Jun, 2019 08:20 AM
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एम.एस.एम.ई.) सैक्टर में कॉर्पोरेट और प्राइवेट सैक्टर की भागीदारी को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने एम.एस.एम.ई. सैक्टर में 700 क्लस्टर स्थापित करने के लिए...
नई दिल्ली: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एम.एस.एम.ई.) सैक्टर में कॉर्पोरेट और प्राइवेट सैक्टर की भागीदारी को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने एम.एस.एम.ई. सैक्टर में 700 क्लस्टर स्थापित करने के लिए कॉर्पोरेट और प्राइवेट सैक्टर की कम्पनियों पर लगे प्रतिबंध (बैन) को हटा दिया है। इससे नौकरियों की बहार आएगी और आयात पर निर्भरता कम होगी। दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) की राष्ट्रीय परिषद को संबोधित करते हुए गडकरी ने वित्तपोषण के नए तरीके लाने के लिए उद्योग से हाथ मिलाने का आग्रह करते हुए कहा कि उद्योग और सरकार के बीच विश्वास की कोई कमी नहीं है जो लालफीताशाही की वजह से पैदा हो गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार निवेश फ्रैंडली है और वह उद्योग जगत को रोजगार, विकास व निर्यात बढ़ाने के लिए हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि प्राइवेट सैक्टर हमारे साथ काम कर सकते हैं और मुझे आपकी सहायता की जरूरत है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि क्लस्टर को लेकर हमें उद्योग जगत से प्रस्ताव मिले हैं। अगरबत्ती उद्योग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हम 4000 करोड़ की अगरबत्ती का आयात करते हैं। यदि इसके लिए क्लस्टर बनाए जाएं तो इसका हम उत्पादन कर सकते हैं।
गडकरी ने कहा कि देश की प्रगति के लिए औद्योगिक विकास आवश्यक है लेकिन हमारी बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है इसलिए कृषि क्षेत्र में कैसे विकास लाया जा सकता है इसके लिए भी औद्योगिक घरानों को काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दे रही है। परंपरागत काम दक्षता के साथ आगे बढ़ें इसके लिए उनका कौशल विकास किया जा रहा है।