Edited By Isha,Updated: 14 Nov, 2018 10:57 AM
भारतीय रूई बाजार के कपास जिनरों (रूई बिकवाल) तथा स्पिङ्क्षनग मिलों (रूई खरीदार) दोनों ही कारोबारियों का तेल निकल चुका है क्योंकि कपास जिनर मोटी डिस्पैरिटी में चल रहे हैं तो दूसरी तरफ स्पिङ्क्षनग मिलों को वर्तमान रूई भाव से 8-9 रुपए प्रति किलो की बड़ी
जैतो (रघुनंदन पराशर): भारतीय रूई बाजार के कपास जिनरों (रूई बिकवाल) तथा स्पिङ्क्षनग मिलों (रूई खरीदार) दोनों ही कारोबारियों का तेल निकल चुका है क्योंकि कपास जिनर मोटी डिस्पैरिटी में चल रहे हैं तो दूसरी तरफ स्पिङ्क्षनग मिलों को वर्तमान रूई भाव से 8-9 रुपए प्रति किलो की बड़ी हानि हो रही है जिससे उपरोक्त दोनों ही रूई कारोबारी परेशान हैं।
किसानों का व्हाइट गोल्ड बढिय़ा आमतौर पर 5350-5580 रुपए क्विंटल से ऊपर बिक रहा है जबकि मंगलवार को व्हाइट गोल्ड बरवाला मंडी में 5650 रुपए, मुन्ना में 5600 रुपए, हनुमानगढ़ में 5580-5590 रुपए, ऐलनाबाद में 5420 रुपए तथा फतेहाबाद मंडी में 5400 से 5521 रुपए क्विंटल बिकने की सूचना है। केन्द्र सरकार ने चालू कपास सत्र वर्ष 2018-19 के लिए बढिय़ा व्हाइट गोल्ड (कपास) का एम.एस.पी. 5350 रुपए किं्वटल निर्धारित किया है जबकि प्राइवेट व्यापारी व्हाइट गोल्ड (नरमा) ऊपर में 5650 रुपए किं्वटल तक खरीद रहे हैं।