अदालत का नोएडा पुलिस को आदेश, Supertech के खिलाफ दोबारा खुले केस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Oct, 2017 09:39 AM

court orders noida police  again open case against supertech

जिला कोर्ट ने नोएडा पुलिस को आड़े हाथों लिया और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा रीयल ...

नई दिल्ली: जिला कोर्ट ने नोएडा पुलिस को आड़े हाथों लिया और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा रीयल एस्टेट बिल्डर सुपरटैक लिमिटेड के चेयरमैन पर एक प्रोजैक्ट में पारित नक्शों के समक्ष अतिरिक्त संख्या में फ्लैटों के निर्माण के आरोप पर केस को पुन: खोलने के आदेश दिए हैं। एडीशनल सैशन जज ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस द्वारा जमा करवाई गई अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें ओमिक्रोन-1, ग्रेटर नोएडा में सुपरटैक सिजार प्रोजैक्ट में प्राधिकरण द्वारा मंजूर की 850 इकाइयों के स्थान पर 1,914 फ्लैटों के निर्माण के लिए सुपरटैक लि. के चेयरमैन आर.के. अरोड़ा, जो कम्पनी के बतौर मैनेजिंग डायरैक्टर सेवारत थे, के विरुद्ध शिकायत की।

जज ने कहा कि पुलिस मामले में न्याय करने के योग्य नहीं है तथा अरोड़ा के विरुद्ध संतुष्टिपूर्वक रिपोर्ट जमा नहीं करवाई है। हम अपराध शाखा को मामले की जांच एवं केस को आगे बढ़ाने का आदेश देते हैं। जज ने आगे आदेश में कहा, ‘‘जब ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने 175 तल क्षेत्र अनुपात के साथ 850 प्लैटों के प्रोजैक्ट को मंजूरी दी थी, तो बिल्डर 1,914 फ्लैटों का निर्माण कैसे कर सकता है। वर्ष 2014 में घर खरीदने वाले अरविंद कुमार सिंह ने इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। उसके आरोपों के आधार पर मैजेस्टीरियल कोर्ट ने 25 सितम्बर 2014 को अरोड़ा को धारा-420 (धोखाधड़ी) के अलावा विभिन्न धाराओं के अधीन अपराधों के लिए ट्रायल का सामना करने के लिए सम्मन जारी किया था।

पूर्ण भुगतान
शिकायत के अनुसार सिंह ने 2009 में सुपरटैक के सिजार प्रोजैक्ट में फ्लैट बुक किया था, जिसका कब्जा 2011 में मिलना संभावित था। उसने बताया कि 2010 तक पूर्ण भुगतान कर दिया गया था, फिर भी फ्लैट का कब्जा मिलने में देरी हुई थी। वर्ष 2014 में उसे बिल्डर ने कब्जा ईमेल के जरिए देने की पेशकश की थी। शिकायतकत्र्ता ने उसे समुचित आधिपत्य प्रमाणपत्र मांगा, परंतु उसने कहा कि वह केवल फ्लैट का कब्जा पेश कर रहा है। शिकायतकत्र्ता ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से सम्पर्क किया और उनसे प्लान एवं प्रमाणिकता संबंधी पता किया। तब प्रोजैक्ट के विवरणों को जानने पर पता चला कि बिल्डरों ने मंजूर लान से अधिक संख्या में फ्लैट बनाए थे।

प्रोजैक्ट मैप
शिकायतकत्र्ता ने प्रोजैक्ट मैप को पुन: जांचने के लिए पुन: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को आवेदन लिखा तथा जिला अदालत में बिल्डर के विरुद्ध याचिका दायर की। अदालत ने शिकायतकत्र्ता की याचिका स्वीकार की तथा कहा कि इस मामले में सुपरटैक के कृत्यों को अपराध में विचारार्थ करते हुए ट्रायल कोर्ट ने ट्रायल फेस करने के लिए उन्हें (आर.के. अरोड़ा को) सम्मन जारी कर दिए। असंख्य घर खरीदने वालों, जिन्होंने सुपरटैक के प्रोजैक्ट में निवेश किया है, ने अरोड़ा के विरुद्ध उनसे धोखा करने के आरोप में शिकायतें दर्ज करवाई हैं। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!