लॉकडाउन में बैंकों के ब्याज वसूलने पर कोर्ट सख्त, SC ने केंद्र और RBI को भेजा नोटिस

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 May, 2020 05:18 PM

court strict on recovering interest of banks in lockdown

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। उक्त कार्रवाई लॉकडाउन के दौरान बैंकों की ओर से कर्ज पर वसूले जा रहे ब्याज के मामले में की गई है। दरअसल इस मामले

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। उक्त कार्रवाई लॉकडाउन के दौरान बैंकों की ओर से कर्ज पर वसूले जा रहे ब्याज के मामले में की गई है। दरअसल इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद आज सर्वोच्च अदालत को ये कदम उठाना पड़ा है।

याचिका में दावा किया गया कि जब लॉकडाउन के दौरान किसी तरह की कमाई नहीं हो रही है, तो फिर लोग कैसे बैंकों को ब्याज देंगे। दायर की गई याचिका में कहा गया कि अभी ब्याज वसूलने से बैंकों ने कुछ वक्त के लिए छूट दी है, पहले ये छूट 31 मई तक थी जिसे अब बढ़ाकर 31 अगस्त तक पहुंचाया गया है लेकिन जब ये खत्म होगा तो बैंकों की ओर से बकाया ब्याज वसूला जाएगा, जो गलत है।

वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता की ओर से अदालत में कहा गया कि 3 महीने को बढ़ाकर 6 महीने किया गया। अगर अदालत इसपर कुछ फैसला करता है, तो राहत की ओर कदम बढ़ सकता है। बैंक अभी तो मुझे राहत दे रहा है लेकिन आगे जाकर सजा देने की बात भी कह रहा है। सुनवाई के बाद अदालत की ओर से केंद्र सरकार और RBI को नोटिस सौंपा गया है, साथ ही एक हफ्ते में जवाब मांगा गया है। इस मामले की सुनवाई भी अब अगले हफ्ते ही होगी।

दरअसल, लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार की ओर से कई रियायत दी जा रही हैं। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने भी छूट दी हैं। RBI ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन जैसी स्थितियों को देखते हुए टर्म लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत देते हुए अगले तीन महीनों तक उन्हें अपनी किस्त नहीं चुकाने की छूट दी थी। जिसके बाद अधिकतर बैंकों ने मार्च की EMI को जून में लेने की बात कही थी, अब इसे बढ़ाकर अगस्त तक पहुंचा दिया गया है।
 

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