Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Mar, 2020 02:22 PM
कोरोना वायरस के चलते देशभर में बुधवार से पूर्ण लॉकडाउन है जो कि 21 दिन तक जारी रहेगा यानि कि 14 अप्रैल तक लोग घरों में ही रहेंगे, हालांकि जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी। देशभर में लॉकडाउन से सबसे ज्यादा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। बार्कलेज...
नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस के चलते देशभर में बुधवार से पूर्ण लॉकडाउन है जो कि 21 दिन तक जारी रहेगा यानि कि 14 अप्रैल तक लोग घरों में ही रहेंगे, हालांकि जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी। देशभर में लॉकडाउन से सबसे ज्यादा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। बार्कलेज बैंक ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को करीब 120 अरब डॉलर का नुकसान होगा। इतना ही नहीं भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर भी घटेगी।
बार्कलेज बैंक की रिपोर्ट में बताया गया कि कैलेंडर वर्ष 2020 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर महज 2.5 फीसदी रह जाएगी जबकि पहले का अनुमान 4.5 फीसदी का था। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विकास दर के पूर्वानुमान को 5.2 फीसदी से घटा कर 3.5 फीसदी कर दिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चालू साल में भले ही विकास दर घटे, लेकिन अगले साल इसमें बढ़ोतरी का अनुमान है। बार्कलेज ने कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी में 8.2 फीसदी की बढोतरी का अनुमान लगाया है जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 8.0 फीसदी का। साथ ही बार्कलेज ने रिपोर्ट में कहा कि अगर लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई गई तो अर्थव्यवस्था को 90 अरब डॉलर का नुकसान होगा।
इन्होंने भी लगाया घटाया अनुमान
बार्कलेज से पहले ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस इंडिया ने 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटा कर 4 फीसदी कर दिया था जबकि पहले इसके 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। ब्रोकरेज के बाद फिच ने भी मौजूदा वित्त वर्ष के लिए GDP अनुमान 5.6 से घटाकर 5.1 पर्सेंट कर चुकी है। मूडीज ने इसे 5.4 से घटाकर 5.3 पर्सेंट कर दिया था और एस ऐंड पी ग्लोबल ने विकास दर को 5.7 पर्सेंट के अनुमान से घटाकर 5.2 पर्सेंट कर दिया था। सभी ने कोरोना को अर्थव्यवस्था के लिए भी संकट बताया।