Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Jan, 2022 10:18 AM
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 7 साल बाद पहली बार 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया। क्रूड ऑयल का भाव अक्टूबर 2014 के बाद सबसे ज्यादा है। इसके बावजूद डोमेस्टिक मार्केट में पिछले 86 दिनों से पेट्रोल-डीजल के भाव में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।...
बिजनेस डेस्कः अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 7 साल बाद पहली बार 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया। क्रूड ऑयल का भाव अक्टूबर 2014 के बाद सबसे ज्यादा है। इसके बावजूद डोमेस्टिक मार्केट में पिछले 86 दिनों से पेट्रोल-डीजल के भाव में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। सुबह के 9.13 बजे इसका रेट 88.48 डॉलर प्रति बैरल था। इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि पांच राज्यों में अभी विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में जब तक चुनाव खत्म नहीं हो जाते, पेट्रोल-डीजल के भाव में बदलाव की संभावना नहीं है। मार्च तक चुनाव का दौर चलता रहेगा। इसका मतलब है कि आने वाले दो महीने तक और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल का भाव बढ़ने के दो प्रमुख कारण हैं। यूक्रेन को लेकर एक तरफ रूस है और दूसरी तरफ वेस्टर्न देश हैं। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को लगा दिया है। अमेरिका इसका विरोध कर रहा है। उसका कहना है कि अगर रूस किसी तरह का एक्शन दिखाता है तो उसके खिलाफ सैंक्शन लगाए जाएंगे। इसके अलावा मिडिल ईस्ट देशों की तरफ से प्रोडक्शन नहीं बढ़ाया जा रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि रूस एनर्जी मार्केट में बड़ा रोल प्ले करता है। यूरोपीय देशों के लिए रूस सबसे बड़ा नैचुरल गैस सप्लायर है। उसका सऊदी अरब के साथ भी अच्छे संबंध हैं। सऊदी अरब ऑयल प्रोड्यूसिंग नेशन का लीडर है। ऐसे में रूस चाहे तो पूरी दुनिया में एनर्जी क्राइसिस बढ़ा सकता है।