Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Apr, 2019 12:09 PM
प्रमुख फुटवियर कंपनी बाटा इंडिया लिमिटेड (Bata India Limited) को कैरी बैग के लिए पैसे चार्ज करना महंगा पड़ गया। दरअसल, एक कस्टमर की शिकायत पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ कंज्यूमर फोरम ने
बिजनेस डेस्कः प्रमुख फुटवियर कंपनी बाटा इंडिया लिमिटेड (Bata India Limited) को कैरी बैग के लिए पैसे चार्ज करना महंगा पड़ गया। दरअसल, एक कस्टमर की शिकायत पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ कंज्यूमर फोरम ने बाटा कंपनी को फटकार लगाई और 9000 रुपए चुकाने का आदेश दिया। कस्टमर से पेपर बैग के लिए 3 रुपए मांगने के लिए कंज्यूमर फोरम ने बाटा कंपनी को फटकार लगाई। चंडीगढ़ के निवासी दिनेश प्रसाद रतूड़ी ने कंज्यूमर फोरम से की गई अपनी शिकायत में कहा था कि 5 फरवरी को जूते खरीदने के लिए सेक्टर-22 डी स्थित बाटा स्टोर गया। स्टोर में जूते के लिए 402 रुपए का बिल बनाया गया जिसमें पेपर बैग की दाम भी शामिल था।
कंपनी ने आरोपों ले किया इंकार
दिनेश रतूड़ी ने कंज्यूमर फोरम में कहा कि बैग के लिए चार्ज कर के बाटा अपने ब्रांड का प्रचार कर रही थी। बैग पर बाटा का विज्ञापन था और यह उचित नहीं था। अपनी शिकायत में दिनेश रतूड़ी ने कंपनी द्वारा कैरी बैग के लिए चार्ज किए गए 3 रुपए वापस लौटाने और सेवा में कोताही बरतने के लिए मुआवजा भी मांगा। इसके जवाब में बाटा इंडिया ने सेवा में कोताही बरतने के आरोप से इनकार किया। बहरहाल, कंज्यूमर फोरम ने कहा कस्टमर को पेपर बैग के लिए पैसे देने को मजबूर करना साफ तौर पर सेवा में कोताही बरतने जैसा है क्योंकि यह स्टोर की ड्यूटी है कि वह प्रोडक्ट खरीदे कस्टमर को मुफ्त में बैग मुहैया कराए।
क्या कहा फोरम ने
कंज्यूमर फोरम ने बाटा इंडिया मुफ्त में पेपर बैग देने का निर्देश दिया। फोरम ने कहा कि अगर कंपनी सही मायने में एन्वार्यमेंट फ्रेंडली है तो उसे सभी कस्टमर्स को कैरी बैग फ्री में देना चाहिए। फोरम ने अपने आदेश में बाटा कंपनी तो 3 रुपए लौटाने और 1000 रुपए मुआवजा खर्च देने को कहा। इसके साथ ही कस्टमर को हुए मानसिक पीड़ा के लिए 3000 रुपए मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। वहीं, फोरम ने बाटा कंपनी को स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन के लीगल ऐड अकाउंट में 5000 रुपए जमा कराने का भी निर्देश दिया।