बैंकों के विलय के बाद बढ़ेगी ग्राहकों की परेशानी

Edited By Isha,Updated: 23 Dec, 2018 03:10 PM

customers will increase after the merger of banks

भारत के सबसे पुराने बैंकों की लिस्ट में शामिल 3 सरकारी बैंकों का अस्तित्व नए साल पर पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। ऐसे में इन बैंकों के ग्राहकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हम बात कर रहे हैं बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और

नई दिल्ली : भारत के सबसे पुराने बैंकों की लिस्ट में शामिल 3 सरकारी बैंकों का अस्तित्व नए साल पर पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। ऐसे में इन बैंकों के ग्राहकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हम बात कर रहे हैं बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक की। दरअसल वित्त मंत्रालय ने इन तीनों बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी है। इन तीनों बैंकों का विलय करके एक नया बैंक बनाया जाएगा।

आपको फिर से खोलना होगा खाता
वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई मंजूरी के बाद इन बैंकों के ग्राहकों को बहुत-सी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपका अकाऊंट बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक या विजया बैंक में है तो आपको अपना खाता फिर से खोलना होगा। खाता खोलने के लिए आपको फिर से के.वाई.सी. (अपने ग्राहक को जानो) की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इसके बाद आपको नई चैक बुक, ए.टी.एम. कार्ड और पासबुक मिलेगी। सिर्फ ग्राहकों के लिए ही नहीं बल्कि बैंक के लिए भी विलय के बाद परेशानी बढ़ जाएगी। उनका पेपर वर्क काफी बढ़ जाएगा।

क्या होगा आपकी जमा राशि का
इन तीनों बैंकों के विलय के बाद जो बैंक अस्तित्व में आएगा, वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) और आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। तीनों बैंकों के ग्राहकों की जमा राशि पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी। देश में जो 5 बड़े बैंक हैं, उनमें एस.बी.आई., एच.डी.एफ.सी. बैंक, आई.सी.आई.सी.आई. बैंक, पंजाब नैशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं। इन बैंकों में एस.बी.आई. में फिलहाल सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय हो चुका है।

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