डेयरी क्षेत्र कम दाम, स्किम्ड मिल्क पाउडर की अधिकता से जूझ रहा है: इंडिया रेटिंग

Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Aug, 2018 03:02 PM

dairy field is struggling with low prices skimmed milk powder

साख निर्धारक एजेंसी इंडिया रेटिंग्स के अनुसार देश का डेयरी क्षेत्र स्किम्ड दूध पाउडर (एसएमपी) के अधिक भंडार और दूध के कम दाम के दबाव से जूझ रहा है। यह स्थिति तब तक बनी रह सकती है

मुंबईः साख निर्धारक एजेंसी इंडिया रेटिंग्स के अनुसार देश का डेयरी क्षेत्र स्किम्ड दूध पाउडर (एसएमपी) के अधिक भंडार और दूध के कम दाम के दबाव से जूझ रहा है। यह स्थिति तब तक बनी रह सकती है जब तक की केसिन और एसएमपी की वैश्विक बाजार  मांग फिर से नहीं बढ़ जाती है।

एजेंसी ने कहा है कि हाल में मट्ठा पर आयात शुल्क बढ़ाने, दूध किसानों को सब्सिडी की पेशकश और कुछ श्रेणियों को माल और सेवा कर (जीएसटी) से छूट के हालिया नीतिगत उपाय से इस क्षेत्र को मामूली राहत मिलेगी। वित्तवर्ष 2013 से 2018 के दौरान देश में दूध उत्पादन सालाना 5.90 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। 

एजेंसी को उम्मीद है कि यह वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 18.6 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा। इससे बाजार में अधिक अधिशेष की स्थिति होगी। मांग में सीमित वृद्धि के कारण, उद्योग जगत को इस जल्द खराब होने वाले पेय पदार्थ को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में व्यापार-से-व्यापार मंच पर बेचे जाने के लिए एसएमपी में परिर्वितत करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।  

हालांकि, अप्रैल 2016 से मई 2017 के दौरान एक संक्षिप्त सुधार के दौर के बाद जून 2017 से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों में वृद्धि की गति धीमी रही है। इसमें कहा गया है, 'इससे एसएमपी स्टॉक की भरमार हो गई है, जिससे कुछ राज्यों में खरीद की कीमतों पर भी असर दिखाई दे रहा है।' मांग-आपूर्ति असंतुलन के कारण खरीद कीमतें कम हो गई हैं और कई राज्यों में सरकारें डेयरी किसानों के आंदोलन का सामना कर रही हैं। 

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