Edited By Supreet Kaur,Updated: 23 May, 2018 09:57 AM
दो बैंकों और आधा दर्जन से अधिक कम्पनियों की जांच से पता चला है कि कुछ कर्मचारियों को ऐसी अनपब्लिश्ड प्राइस सैंसिटिव इंफॉर्मेशन (यू.पी.एस.आई.) की जानकारी थी, जो उनके तिमाही नतीजों से पहले लीक हुई थी। ज्यादातर कम्पनियों और बैंकों ने जांच की रिपोर्ट...
नई दिल्लीः दो बैंकों और आधा दर्जन से अधिक कम्पनियों की जांच से पता चला है कि कुछ कर्मचारियों को ऐसी अनपब्लिश्ड प्राइस सैंसिटिव इंफॉर्मेशन (यू.पी.एस.आई.) की जानकारी थी, जो उनके तिमाही नतीजों से पहले लीक हुई थी। ज्यादातर कम्पनियों और बैंकों ने जांच की रिपोर्ट सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) को सौंप दी है। इस मामले में संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इनमें एक कम्पनी के चीफ फाइनैंशियल ऑफिसर भी शामिल हैं। इस मामले से संबंधी चार सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई आने वाले हफ्तों में की जा सकती है।
जांच से पता चला है कि अधिकतर मामलों में लीक की गई सूचनाएं 100 प्रतिशत सही थीं। कई कर्मचारियों को ये सूचनाएं वॉट्सऐप फॉरवर्ड के रूप में मिली थीं लेकिन उन्होंने इस बारे में कम्पनी के बोर्ड को जानकारी नहीं दी। सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि कम से कम एक मामले में कम्पनी के एक कर्मचारी ने सी.ई.ओ. और सी.एफ.ओ. को इस बारे में जानकारी दी थी लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। एक सूत्र ने बताया किजांच से यह भी पता चला है कि एक सी.एफ.ओ. की फोन इमेजिंग की गई थी। इससे पता चला कि उन्हें कम्पनी के रिजल्ट से जुड़ी सूचनाएं उसकी घोषणा से दो दिनों पहले ही मिल गई थीं, लेकिन उन्होंने इसकी जानकारी बोर्ड को नहीं दी थी।