Edited By Supreet Kaur,Updated: 17 Jul, 2019 12:35 PM
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने जल संकट की चुनौती से निपटने के लिए वैज्ञानिकों से कम पानी में अधिक उत्पादकता वाली फसलों का विकास करने ,खेती को लाभदायक बनाने तथा उसे गौरवान्वित करने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की है। तोमर ने कहा कि कृषि के लिए...
नई दिल्लीः कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने जल संकट की चुनौती से निपटने के लिए वैज्ञानिकों से कम पानी में अधिक उत्पादकता वाली फसलों का विकास करने ,खेती को लाभदायक बनाने तथा उसे गौरवान्वित करने के लिए ठोस प्रयास करने की अपील की है। तोमर ने कहा कि कृषि के लिए जल संकट बड़ी चुनौती के रुप में उभरी है जिसके लिए कम पानी में अधिक उत्पादन देने वाली फसलों का विकास करना जरुरी हो गया है। प्रति बून्द अधिक फसल पर काम किया जा रहा है लेकिन इस दिशा में वैज्ञानिकों को और प्रयास तेज करने होंगे।
उन्होंने कहा कि खेती मुनाफा में आए और खेती से जुड़े किसान अपने को गौरवान्वित महसूस करे यह एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि आज कोई किसान नहीं चाहता है कि उसका बेटा खेती करे। समाज में जो यह सोच बनी है उससे आने वाले समय में संकट पैदा हो सकता है। इस संकट को वह इस रुप में देखते हैं कि लोगों के पास पैसा होगा लेकिन वे अनाज, फल और फूल नहीं खरीद पाएंगे।
कृषि मंत्री ने सवाल किया कि जब शहर स्मार्ट हो सकता है तो किसान का खेत स्मार्ट क्यों नहीं हो सकता। स्मार्ट शहर के लिए बड़े बजट की जरुरत होती है और कृषि के लिए तकनीक की जरुरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 से 2014 के दौरान कृषि मंत्रालय का बजट 122000 करोड़ रुपए का था जो 2014 से 2017 के दौरान बढकर 211000 करोड़ रुपए का हो गया। वर्ष 2018-19 की तुलना में 2019-20 के बजट में 140 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। तोमर ने कहा कि 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 50 खरब डॉलर का बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें किसानों का सहयोग जरुरी है। देश कृषि प्रधान है और बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़े हैं । अर्थव्यवस्था से किसानों का जोड़ना जरुरी है। उन्होंने कहा कि जल संकट के अलावा फसलों का उचित मूल्य, बाजार सम्पकर् और कृषि निर्यात बड़ी चुनौती है जिसके लिए ठोस उपाय करने की जरुरत है। किसानों की अर्थिक सहायता के लिए पीएम किसान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पेंशन जैसी योजनाएं शुरु की गई है।