RBI ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, 6.5% पर रखा बरकरार

Edited By Isha,Updated: 05 Dec, 2018 02:51 PM

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आरबीआई आज अपनी क्रेडिट पॉलिसी का खुलासा कर दिया है। इस पॉलिसी का असर सीधा आम जनता पर भी पड़ेगा। आज की बैठक के दौरान आर.बी. आई रेपो रेट में कोई बदलाव न रखने का फैसला किया है। विश्लेषकों का कहना है कि आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी

बिजनेस डेस्कः आरबीआई आज अपनी क्रेडिट पॉलिसी का खुलासा कर दिया है। इस पॉलिसी का असर सीधा आम जनता पर भी पड़ेगा। आज की बैठक के दौरान आर.बी.आई ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला किया है। विश्लेषकों का कहना है कि आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी कच्चे तेल के दामों में कमी, खाद्य वस्तुओं की कम महंगाई और ग्रोथ के हालात को देखते हुए ये फैसला लिया, फिलहाल रेपो रेट 6.5 फीसदी बरकरार रखी गई है वहीं रिवर्स रेपो रेट 6.25 फीसदी पर कायम रहेगा। यानि अब आपकी ईएमआई बढ़ने का खतरा नहीं है। 
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पिछली क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा के दौरान आरबीआई ने रेपो रेट होल्ड करके चौंका दिया था इस बार भी फैसले कुछ एेसा ही आया है।आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.4 फीसदी बरकरार रखा है। आरबीआई का अनुमान है कि अक्टूबर-मार्च अवधि में जीडीपी ग्रोथ 7.2 से 7.3 फीसदी के बीच रह सकती है।
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रिटेल मंहगाई 2.7 से 3.2 फीसदी का अनुमान
आरबीआई के मुताबिक अक्टूबर-मार्च अवधि में रिटेल मंहगाई 2.7 से 3.2 फीसदी के बीच रह सकती है। आरबीआई ने एसएलआर में 0.25 फीसदी की कटौती की है। एसएलआर की मौजूदा दर 0.5 फीसदी है। आरबीआई ने कहा कि जनवरी-मार्च से एसएलआर में गर तिमाही 0.25 फीसदी की कटौती की जाएगी। आरबीआई की नीति बैठक में रिवर्स रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
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क्या होती है रेपो रेट
रेपो रेट में कटौती का सीधा असर लोन पर पड़ता है । बता दें कि रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से अपने कस्टमर को लोन देते हैं. अगर रिजर्व बैंक ये दर बढ़ा देता है तो सभी बैंकों को महंगा लोन मिलता है। इस वजह से वो भी कस्टमर के लिए लोन की दरों में बढ़ोतरी कर देते हैं।

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