Edited By Supreet Kaur,Updated: 05 Nov, 2019 10:35 AM
उत्तर प्रदेश के तीन शहरों नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में पिछले दो साल के दौरान अनबिकी आवासीय इकाइयों की संख्या में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सर्वाधिक गिरावट देखने को मिली है। एनारॉक और नारेडको की एक संयुक्त रिपोर्ट में यह दावा...
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के तीन शहरों नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में पिछले दो साल के दौरान अनबिकी आवासीय इकाइयों की संख्या में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सर्वाधिक गिरावट देखने को मिली है। एनारॉक और नारेडको की एक संयुक्त रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
एक संयुक्त बयान में बताया गया कि यह रिपोर्ट 'एड्रेसिंग चैलेंजेस एंड प्रोग्रेसिंग अहेड इन रियल एस्टेट' सोमवार को लखनऊ में पहले नेशनल रेरा कॉन्क्लेव में जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार, इन शहरों में सामूहिक तौर पर अनबिकी आवासीय इकाइयों में 26 फीसदी की कमी आई है और ये 2017 की तीसरी तिमाही की 1,31,150 इकाइयों से कम होकर 2019 की तीसरी तिमाही में 97,270 इकाइयों पर आ गए। इस तरह की इकाइयों की संख्या ग्रेटर नोएडा में 27 फीसदी की कमी के साथ 48,350 इकाइयों तथा नोएडा और गाजियाबाद में 24-24 फीसदी कम होकर क्रमशः 19,480 इकाइयों और 29,440 इकाइयों पर आ गईं। इस दौरान गुरुग्राम में अनबिका भंडार लगभग सात फीसदी बढ़कर 55,900 इकाइयों पर पहुंच गया। दिल्ली में भी ये 20 फीसदी बढ़कर 12,960 इकाइयों पर पहुंच गए।
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद मुख्य रूप से डेवलपर्स के अनबिके स्टॉक को कम करने में सफल रहे। डेवलपर्स ने चल रही परियोजनाओं को पूरा करने पर अधिक ध्यान दिया और नयी परियोजनाओं पर रोक लगाए रहे।'' नारेडको के उपाध्यक्ष प्रवीण जैन ने कहा, “भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में कम वित्तपोषण तथा अनबिके भंडार के कारण लगातार चुनौतियां बनी हुई हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा पेश किए गए सुधारों और उपायों ने अब सकारात्मक परिणाम दिखाना शुरू कर दिया है।''