Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Mar, 2020 06:48 PM
बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाला ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने सोमवार को डीप फ्रीजर और हल्के वाणिज्यिक एयर कंडीशनर को स्टार लेबलिंग यानी स्टार रेटिंग कार्यक्रम के दायरे में लाने की घोषणा की। स्टार लेबल के माध्यम से उपकरण विनिर्माता यहबताता है कि उसका...
नई दिल्लीः बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाला ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने सोमवार को डीप फ्रीजर और हल्के वाणिज्यिक एयर कंडीशनर को स्टार लेबलिंग यानी स्टार रेटिंग कार्यक्रम के दायरे में लाने की घोषणा की। स्टार लेबल के माध्यम से उपकरण विनिर्माता यहबताता है कि उसका कोई उपकरण बिजली खर्च के हिसाब कितना किफायती है। इससे केवल इन दो प्रकार के बिजली यंत्रों के इस्तेमाल में 2030 तक कुल 9 अरब यूनिट बिजली की बचत हो सकती है और 77 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है। अभी इनके लिए यह लेबलिंग स्वैच्छिक रखी गई है।
डीप फ्रीजर का उपयोग खाने-पीने का सामान, फल, सब्जी जैसे पदार्थों के लंबे समय तक संरक्षित रखने में होता है। वहीं हल्के वाणिज्यिक एयर कंडीशनर 3 टन से 5 टन तक के क्षमता के एसी आते हैं। बीईई के 19वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बिजली सचिव एस एन सहाय ने इन उपकरणों को स्टार रेटिंग कार्यक्रम के दायरे में लाने की घोषणा की। फिलहाल डीप फ्रीजर के लिए स्टार रेटिंग स्वैच्छिक होगा और ऊर्जा खपत मानदंड 31 दिसंबर 2021 तक प्रभावी होगा। वहीं हल्के वाणिज्यिक एयर कंडीशनर के लिये यह दो मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2021 तक स्वैच्छिक होगा। उसके बाद बाजार की स्थिति का आकलन कर इन उपकरणों के लिए स्टार रेटिंग कार्यक्रम को अनिवार्य बनाया जाएगा। स्टार लेबलिंग कार्यक्रम बीईई का एक प्रमुख ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम है।
संस्थान के अनुसार जहां डीप फ्रीजर को स्टार रेटिंग कार्यक्रम में लाने से 2030 तक 6.2 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी वहीं हल्के वाणिज्यिक एसी के मामले में 2.8 अरब यूनिट बिजली बचत का अनुमान है। यानी कुल मिलाकर इससे 9 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी। वहीं इससे कार्बन उत्सर्जन में कुल 77 लाख टन की कमी आने का अनुमान है। इस कार्यक्रम के तहत अबतक कुल 26 उपकरण आ चुके हैं। कमरों में उपयोग होने वाले एसी, फ्रास्ट फ्री रेफ्रिजरेटर ट्रांसफर्मर जैसे 10 उपकरणों पर यह नियम अनिवार्य हैं जबकि पंप सेट, सीलिंग पंखे, एलपीजी स्टोव जैसे उपकरण स्वैच्छिक योजना के अंतर्गत आते हैं। इस मौके पर टेरी के महानिदेश अजय माथुर ने कहा कि बीईई को स्टील और सीमेंट उद्योग जैसे क्षेत्रों को हरित बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संस्थान ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है और आने वाले समय में बिजली भंडारण, इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता की काफी गुंजाइश है।
बीईई के महानिदेशक अभय बाकरे ने कहा कि हम आने वाले 10 साल में ऊर्जा दक्षता को नये मुकाम पर ले जाने की योजना बना रहे हैं। इस मौके पर ऊर्जा दक्षता इनफार्मेशन टूल (उदित) की भी शुरूआत की गई। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के सहयोग से बनाए गए इस पोर्टल के जरिए विभिन्न क्षेत्रों में जारी ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम के बारे में जानकारी और आंकड़े हासिल किए जा सकेंगे।