Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 May, 2020 03:17 PM
कोरोना वायरस के डर और मिलते जुलते समय दूरी के नियमों के चलते मारुति सुजुकी, होंडा, टोयोटा और टाटा मोटर्स जैसी प्रमुख वाहन विनिर्माता कंपनियों निजी वाहनों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। कंपनियों का मानना है कि लोग सार्वजनिक परिवहन से दूरी बनाएंगे।
नई दिल्लीः कोरोना वायरस के डर और मिलते जुलते समय दूरी के नियमों के चलते मारुति सुजुकी, होंडा, टोयोटा और टाटा मोटर्स जैसी प्रमुख वाहन विनिर्माता कंपनियों निजी वाहनों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। कंपनियों का मानना है कि लोग सार्वजनिक परिवहन से दूरी बनाएंगे।
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को लॉकडाउन खत्म होने के बाद की स्थिति में कम कीमतों वाली कारों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। कंपनी के कार्यकारी निदेशक (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘लोग सार्वजनिक परिवहन की जगह निजी वाहनों को वरीयता देंगे। कई ग्राहक सर्वेक्षण में भी यह बात सामने आई है।'' उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के नरम रहने और लोगों की क्रयशक्ति प्रभावित होने से लोग निजी परिवहन के लिए छोटी या कम कीमत वाली कारें खरीदना पसंद करेंगे। विशेषकर ऐसे ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी जो पहली बार कार खरीद रहे हैं। पिछले दिनों देशभर में खोले गए अपने करीब 1800 डीलरों पर हम यह रुख देख रहे हैं।
श्रीवास्तव ने कहा कि पहले भी देखा गया है कि संकट के समय में ग्राहक स्थापित ब्रांड को तवज्जो देते हैं। इसी तरह की बात होंडा कार्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और विपणन एवं बिक्री निदेशक राजेश गोयल ने भी कही। उन्होंने कहा कि लोग कोविड-19 संक्रमण को लेकर ज्यादा सजग रहेंगे। इसलिए सार्वजनिक परिवहन की जगह लोग निजी वाहनों को ज्यादा अहमियत देंगे। इससे कारों की बिक्री बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणियों की नयी कारों के साथ-साथ लोग इस्तेमाल की हुई प्रमाणित कारों की खरीद पर भी ध्यान देंगे। इससे वह सस्ते में अच्छे वाहन को खरीद कर उसका किफायती इस्तेमाल कर पाएंगे।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के प्रवक्ता ने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए लोग निजी वाहनों की ओर बढ़ सकते हैं। हालांकि यह ध्यान रखना होगा कि मौजूदा समय में ग्राहकों की मांग सीमित रहने वाली है। यह तब तक रह सकती है जब तक सरकार की ओर मांग बढ़ाने के उपाय नहीं किए जाते। टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव के चलते सार्वजनिक परिवहन के उपयोग में कमी आएगी। ऐसे में निजी वाहनों की मांग बढ़ सकती है।