Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Mar, 2021 03:51 PM
परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने सरकार से सूती धागे के निर्यात पर अंकुश लगाने की मांग की है। एईपीसी ने कहा है कि निर्यात पर अंकुश से इसकी कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और साथ ही घरेलू विनिर्माताओं को इसकी आपूर्ति भी बढ़ाई जा...
नई दिल्लीः परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने सरकार से सूती धागे के निर्यात पर अंकुश लगाने की मांग की है। एईपीसी ने कहा है कि निर्यात पर अंकुश से इसकी कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और साथ ही घरेलू विनिर्माताओं को इसकी आपूर्ति भी बढ़ाई जा सकेगी। एईपीसी के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने कहा कि सरकार की ओर से कई प्रयासों के बावजूद सूती धागे के दाम पिछले चार माह के दौरान लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे पूरी मूल्य श्रृंखला प्रभावित हो रही है।
शक्तिवेल ने कहा, ‘‘हम घरेलू विनिर्माताओं को धागे की आपूर्ति बढ़ाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह करते हैं। हमारा सुझाव है कि सूती धागे के निर्यात पर मात्रात्मक अंकुश लगाया जाए।'' उन्होंने बताया कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने छोटे मिल मालिकों के लिए कपास की कीमतों में कटौती की है, लेकिन इससे सूती धागे के दाम घटे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सूती धागे की कीमतों में बढ़ोतरी तथा इसकी उपलब्धता को लेकर अनिश्चितता की वजह से निर्यातकों के लिए अपने ग्राहकों के ऑर्डर पूरा करना मुश्किल हो रहा है।