Edited By Supreet Kaur,Updated: 08 Oct, 2019 04:24 PM
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने वरिष्ठ नागरिकों के सामूहिक चिकित्सा बीमा प्रीमियम को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से मुक्त करने की मांग की है। एआईबीईए ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मंगलवार को एक पत्र लिखा।
हैदराबादः अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने वरिष्ठ नागरिकों के सामूहिक चिकित्सा बीमा प्रीमियम को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से मुक्त करने की मांग की है। एआईबीईए ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मंगलवार को एक पत्र लिखा। इसमें मांग की गई है कि बैंकों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अधिकारियों के सामूहिक चिकित्सा बीमा के मद में दिए जाने वाले प्रीमियम पर जीएसटी की दर शून्य की जाए। अभी इस पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है।
एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने सेवारत कर्मचारियों तथा अधिकारियों को मिलने वाले सामूहिक चिकित्सा बीमा के प्रीमियम का भुगतान बैंक प्रबंधन करता है जबकि सेवानिवृति के बाद उन्हें स्वयं इसका वार्षिक प्रीमियम भरना होता है। हर साल नवंबर में उन्हें बीमा रिन्यू करना होता है जिस पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह बोझ काफी अधिक है। इस कारण कई लोग बीमा रिन्यू ही नहीं कराते। वे कोई अन्य मेडिक्लेम पॉलिसी लेने में भी सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों तथा अधिकारियों की संख्या तकरीबन 4.50 लाख है। इनमें से मात्र 1.50 लाख ही सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं। श्री वेंकटचलम ने पत्र में लिखा है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों अधिकारियों के प्रीमियम को कर मुक्त किया जाना चाहिए।