Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Sep, 2019 06:26 PM
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) ने सरकार से सभी ऑटो पार्ट्स पर एक समान 18 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की मांग की गई है। उद्योग जगत का कहना है कि इससे कंपनियों को रोजमर्रा की जरूरतों को लेकर लिए गए लोन का
नई दिल्लीः ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) ने सरकार से सभी ऑटो पार्ट्स पर एक समान 18 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की मांग की गई है। उद्योग जगत का कहना है कि इससे कंपनियों को रोजमर्रा की जरूरतों को लेकर लिए गए लोन का इस्तेमाल दीर्घकालिक उद्देश्यों में करने में मदद मिलेगी।
एक्मा के अध्यक्ष राम वेंकटरमानी ने कहा कि ऑटो पार्ट्स सेक्टर की ओर से हम सरकार से सभी कल-पुर्जों पर एक समान 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने की मांग करते हैं। उन्होंने एक्मा के वार्षिक सम्मेलन में कहा कि अभी 60 प्रतिशत कल-पुर्जों पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है लेकिन बाकी 40 प्रतिशत उत्पादों पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है। उन्होंने कहा हम खासतौर पर बिजनेस-टू-बिजनेस कंपनियां हैं। ऐसे में एक समान 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने से सरकारी खजाने पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि हमें रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से वित्तीय संस्थानों से लिये गये कर्ज का बेहतर प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।
वेंकटरमानी ने निर्यात के लिए प्रोत्साहन की भी मांग की। उन्होंने कहा कि भारत में बीएस 6 उत्सर्जन मानक को लागू करने में तेजी और कुछ ही अंतराल में नए सुरक्षा मानक पेश करने से फिलहाल दिक्कतें हुई हैं लेकिन इससे घरेलू उद्योग को वैश्विक मानकों के समतुल्य आने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि हमारा घरेलू बाजार 9.60 प्रतिशत बढ़ा है और टर्नओवर 10.10 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। निर्यात भी 17 प्रतिशत बढ़ा है और इसका टर्नओवर 15.60 अरब डॉलर हो गया है।