Edited By ,Updated: 16 Nov, 2016 06:02 PM
नोटबंदी के बाद ट्रेडर्स और ज्यूलर्स के पास ऐसे लोगों की बाढ़ सी आ गई है जो सोना या चांदी बेचने के लिए पूछताछ कर रहे हैं।
नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद ट्रेडर्स और ज्यूलर्स के पास ऐसे लोगों की बाढ़ सी आ गई है जो सोना या चांदी बेचने के लिए पूछताछ कर रहे हैं। अधिक कीमत मिलने की वजह से ज्यूलर्स पुराने 500 और 1000 के नोट भी स्वीकार करने को तैयार हैं। इस जुगाड़ के तहत कम कीमत पर सोना और चांदी खरीदने वाले लोग अभी मुनाफा कमाने में लगे हैं। दूसरी तरफ, ब्लैक मनी रखने वाले पुराने नोट से सोना खरीद रहे हैं।
एेसा करने से उन्हें प्रीमियम नहीं देना पड़ रहा है और उनका पैसा सोने में बदला जा रहा है। जूलर दोनों पक्षों से मुनाफा लेकर चांदी कूट रहे हैं। विक्रेता, खरीदार और ज्यूलर तीनों पक्षों के लिए यह मुनाफे का सौदा है। जूलर 40,000 से 50,000 रुपए की दर से सोना खरीद रहे हैं और काफी ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं।
जेम्स एंड जूलर्स ट्रेड काउंसिल ऑफ इंडिया (जी.जे.टी.सी.आई.) के प्रेजिडेंट शांतिभाई पटेल ने कहा, 'यह सच है। उन्हें भी ऐसी जानकारी मिली है, लोग पुराने नोट लेकर सोना-चांदी बेचने को तैयार हैं।
जानकारी के मुताबिक बहुत कम लोग इस सिस्टम का इस्तेमाल कर पा रहे हैं। 8 नवंबर की रात के बाद अपने मुनाफे के लिए बहुत कम लोगों ने सोना या चांदी बेची है।
कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि विक्रेताओं और ट्रेडर्स ने इस सिस्टम से बहुत मुनाफा कमाया है। यह काम बहुत सावधानी से और सीमित मात्रा में हो रहा है, लेकिन मामला करोड़ों का है।