Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 May, 2018 03:13 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने बड़ी मात्रा में फंसे कर्ज की स्थिति के मद्देनजर सार्वजनिक क्षेत्र के देना बैंक के खिलाफ ‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ शुरू की है। इसके तहत उसने बैंक द्वारा नया कर्ज देने और नई नौकरियां देने पर रोक लगा दी है।
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने बड़ी मात्रा में फंसे कर्ज की स्थिति के मद्देनजर सार्वजनिक क्षेत्र के देना बैंक के खिलाफ ‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ शुरू की है। इसके तहत उसने बैंक द्वारा नया कर्ज देने और नई नौकरियां देने पर रोक लगा दी है। बैंक ने शनिवार को जानकारी दी थी कि ज्यादा फंसे हुए कर्ज (NPA) के चलते मार्च तिमाही में उसका घाटा बढ़कर 1,225.42 करोड़ रुपए हो गया। जबकि 2016-17 की जनवरी-मार्च तिमाही में उसका शुद्ध घाटा 575.26 करोड़ रुपए था।
इससे पहले 2017-18 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में बैंक का घाटा 380.07 करोड़ रुपए था। शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक ने बताया कि रिजर्व बैंक ने ऊंचे शुद्ध एनपीए और कर्ज या परिसंपत्तियों पर मिलने वाले नकारात्मक रिटर्न (ROA) के चलते उसके खिलाफ त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई शुरू की है और उस पर कुछ प्रतिबंध लगा दिए हैं।
इस संबंध में 7 मई 2018 को रिजर्व बैंक ने बैंक को एक पत्र भेजा। इसमें उसने बैंक के नया ऋण देने और नए कर्मचारियों के भर्ती करने पर रोक लगा दी है। देना बैंक ने बताया कि इसे उसके निदेशक मंडल के सामने 11 मई की बैठक में रखा गया। रिजर्व बैंक इससे पहले इलाहाबाद बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक के खिलाफ यह कार्रवाई शुरु कर चुका है।