Edited By Supreet Kaur,Updated: 07 Jul, 2018 10:50 AM
परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी कराने के बावजूद बच्चे को जन्म देने वाली महिला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने स्वास्थ्य विभाग को 4,31,500 रुपए जुर्माना किया है।
बिजनेस डेस्कः परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी कराने के बावजूद बच्चे को जन्म देने वाली महिला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने स्वास्थ्य विभाग को 4,31,500 रुपए जुर्माना किया है।
क्या है मामला
तहसील सदर के गांव नंदगांव निवासी महिला गीता देवी पत्नी योगेंद्र कुमार ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 2 जनवरी 2012 को नसबंदी का आप्रेशन करवाया था। नसबंदी ऑप्रेशन होने के बाद भी महिला को गर्भ ठहर गया। सरकारी अस्पताल में अल्ट्रासाऊंड कराया तो महिला के गर्भवती होने की पुष्टि हो गई। बाद में महिला ने बेटी को जन्म दिया। बेटी को जन्म देने के बाद पीड़िता ने 4 दिसम्बर 2013 को उपभोक्ता फोरम में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ वाद दायर कर दिया।
यह कहा फोरम ने
उपभोक्ता फोरम ने वाद की सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग पर जुर्माना ठोका है। फैसले में सरकार की नियमावली के अनुसार 30,000 रुपए नसबंदी फेल होने की धनराशि, 1500 रुपए वाद खर्चा तथा 4 लाख रुपए बच्ची के भरण पोषण के देने का आदेश स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है।