Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Aug, 2019 05:08 PM
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह इस बात को यकीनी बनाने के लिए उचित तंत्र (कार्यक्रम) बनाए, उन क्षेत्रों में सावधानियों के बाद नए उद्योग या विस्तार की अनुमति न दी जाए जहां प्रदूषण का स्तर पहले से...
नई दिल्लीः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह इस बात को यकीनी बनाने के लिए उचित तंत्र (कार्यक्रम) बनाए, उन क्षेत्रों में सावधानियों के बाद नए उद्योग या विस्तार की अनुमति न दी जाए जहां प्रदूषण का स्तर पहले से ही बहुत ऊंचा हो।
यह निर्देश उस समय दिया गया जब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा दायर की गई समीक्षा की सुनवाई कर रहे थे जिसमें उद्योगों से पैदा होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए अधिकरण द्वारा पहले दिए गए आदेश के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था।
पिछले आदेश का उल्लेख करते हुए बेंच ने दोहराया, “अगर कोई यूनिट नियमों के बारे में शिकायत करता है तो ऐसे यूनिट प्रभावित नहीं होंगे। ऐसी कोई आशंका का धार नहीं कि मुआवजा का भुगतान दो बार करना पड़ेगा। विभिन्न पर्यावरण नियमों के प्रावधानों को न केवल औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ बल्कि हर प्रदूषणकारी गतिविधि के खिलाफ भी लागू किया जाना है, चाहे वह पहले से ही स्थापित की गई यूनिट हो या अभी उसे स्थापित किया जाना है।