Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Jun, 2020 05:46 PM
एयरलाइंस को अब जहाज में बीच वाली सीट खाली रखनी होगी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद ये फैसला लिया है।
बिजनेस डेस्कः एयरलाइंस को अब जहाज में बीच वाली सीट खाली रखनी होगी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद ये फैसला लिया है। हालांकि इसमें कुछ छूट भी दी गई है। नई गाइडलाइन में एयरलाइंस को बीच वाली सीट खाली रखने की कोशिश करने को कहा गया है।
अगर यह संभव ना हो तो ऐसी स्थिति में बीच की सीट के य़ात्री को एक शरीर को कवर करने वाला गाउन देने की बात कही गई है। इस कवर को कपड़ा मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मानकों के अनुसार बनाना होगा। हालांकि एक परिवार के सदस्यों को एक साथ बैठने की इजाजत दी जा सकती है। इसके अलावा सभी यात्रियों को एयरलाइंस द्वारा सुरक्षा किट देने का आदेश दिया गया है जिसमें मास्क, फेस शील्ड और सैनेटाइज़र पाउच शामिल होंगे। नई गाइडलाइंस 3 जून से लागू होंगी।
दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सरकार और DGCA के रवैये पर सवाल उठाए थे जिसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 26 मई को एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। इस विशेषज्ञ समिति ने स्वास्थ्य संबंधी प्रोटोकॉल की समीक्षा करने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अपनी सिफारिशें सौंपी। इन सिफारिशों में बीच की सीट खाली छोड़ने के अलावा और भी कई सुझाव दिए गए हैं। इसमें सभी यात्रियों को एयरलाइंस द्वारा सुरक्षा किट प्रदान किया जाना शामिल है। इस किट में मास्क, फेस शील्ड और सैनेटाइज़र (पाउच) शामिल हैं।
डीजीसीए ने विमान के अंदर यात्रियों को पानी दिए जाने पर भी पाबंदी लगा दी है। उसने कहा है कि सिर्फ चिकित्सा आपात स्थिति में ही यात्रियों को एयरलाइंस की तरफ से पानी दिया जाना चाहिए। विमान में खाना परोसे जाने पर पहले से ही रोक लगी हुई है।