Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Nov, 2018 01:34 PM
भारत के एविएशन रेगुलेटर ने प्रैट ऐंड विटनी A320neo इंजन वाले विमानों पर लगी रोक पर विचार करने से इनकार कर दिया है। इंडिगो और गोएयर के विमानों में यह इंजन बीच रास्ते में बंद हो गया था। इस वजह से विमान को इमर्जेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।
नई दिल्लीः भारत के एविएशन रेगुलेटर ने प्रैट ऐंड विटनी A320neo इंजन वाले विमानों पर लगी रोक पर विचार करने से इनकार कर दिया है। इंडिगो और गोएयर के विमानों में यह इंजन बीच रास्ते में बंद हो गया था। इस वजह से विमान को इमर्जेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। जानकारों का कहना है कि इस इंजन के साथ विमान अंतरराष्ट्रीय रूट पर नहीं जा सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'DGCA ने कहा कि इंडिगो की मांग पर विचार करने से पहले वह देखना चाहता है कि इंजन कैसा चलता है। डीजीसीए नियो (P&W) इंजन की तीन से चार महीने तक जांच करना चाहती है। इसमें कंबस्चन चैंबर बी को सी से बदल दिया जाएगा।' अभी इन विमानों को ऐसे रूट पर जाने की अनुमति नहीं है जिस रास्ते में 60 मिनट की दूरी पर वैकल्पिक लैंडिंग की व्यवस्था न हो। इंडिगो की मांग है कि रूट का चुनाव 120 मिनट की दूरी के हिसाब से किया जाए। इससे विमान विदेश के लिए भी उड़ान भर पाएगा।
भारत की विमानन कंपनियां सबसे ज्यादा A320neo इंजन खरीदती हैं। लगभग 75 विमानों में यह इंजन लगा हुआ है। सबसे ज्यादा इंडिगो के विमानों को इस इंजन की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा। एयर इंडिया और विस्तारा में भी ये इंजन लगे हैं लेकिन साथ में CFM इंजन होने की वजह से कभी परेशानी नहीं उठानी पड़ी। पिछले महीने में इंडोनेशिया में बोइंग 37 मैक्स 8 विमान क्रैश की घटना के बाद यह कदम उठाया गया है। इस दुर्घटना में 189 लोग मारे गए थे। हालांकि अभी तक क्रैश की वजह का पता नहीं चला है।