महाशय धर्मपाल गुलाटी पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित, जानिए कैसे बने MDH मसालों के मालिक

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Mar, 2019 02:45 PM

dharampal gulati padma award

दिल्ली में पद्म भूषण पुरुस्कार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मशहूर हस्तियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया गया। इसमें सबसे उम्रदराज हस्ति रहे एमडीएच मसालों के मालिक महाश्य

बिजनेस डेस्कः दिल्ली में पद्म भूषण पुरस्कार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मशहूर हस्तियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया गया। इसमें सबसे उम्रदराज हस्ति रहे एमडीएच मसालों के मालिक महाश्य धर्मपाल गुलाटी समेत 65 हस्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया। इससे पहले सोमवार को 47 हस्तियों को पद्म सम्मान से नवाजा गया था। महाशय धर्मपाल गुलाटी को व्यापार और उद्योग-खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 

PunjabKesari

चलाते थे तांगा
महाशय धर्मपाल गुलाटी बंटवारे के बाद पाकिस्तान के सियालकोट से भारत के अमृतसर आ गए। यहां मन नहीं लगा, जिसके बाद बड़े भाई और रिश्तेदारों के साथ दिल्ली आ गए। काम-धंधा न मिला तो तांगा चलाने लगे। उससे भी मन ऊब गया। मन मसालों के पुराने कारोबार के लिए प्रेरित करता था। फिर अजमल खां रोड पर खोखा बनाकर दाल, तेल, मसालों की दुकान शुरू कर दी। तजुर्बा था, इसलिए काम चल निकला। 

PunjabKesari

1959 में रखी MDH फैक्ट्री की नींव
महाशय धर्मपाल ने 1959 में एमडीएच फैक्ट्री की नींव रखी थी। भारत में उन्होंने 15 फैक्ट्रियां खोलीं, जो करीब 1000 डीलरों को मसाला सप्लाई करती हैं। एमडीएच के दुबई और लंदन में भी ऑफिसेज हैं। यह मसाला कंपनी लगभग 100 देशों से एक्सपोर्ट करती है। पांचवीं पास इस शख्स ने पिछले वित्तीय वर्ष में 21 करोड़ रुपए कमाई की जो गोदरेज कन्ज्यूमर के आदि गोदरेज और विवेक गंभीर, हिंदुस्तान युनिलीवर के संजीव मेहता और ITC के वाई. सी. देवेश्वर की कमाई से भी ज्यादा है। MDH के नाम से मशहूर उनकी कंपनी 'महाशियां दी हट्टी' को इस साल कुल 213 करोड़ रुपए का लाभ हुआ। इस कंपनी के 80 प्रतिशत हिस्सेदारी गुलाटी के पास हैं। 

PunjabKesari

धर्मपाल गुलाटी के जीवन पर एक नजर

  • पाकिस्तान के सियालकोट में 27 मार्च 1923 को जन्मे धर्मपाल का जीवन संघर्ष भरा रहा। सिर्फ पांचवी तक पढ़ाई की।
  • पाकिस्तान में हार्डवेयर का काम करते थे लेकिन चोट लगने पर उसे छोड़ दिया और घूम-घूम कर मेहंदी बेचने का काम किया।
  • फिर अपने पिता के साथ पाकिस्तान में ही मसाले का काम शुरू किया लेकिन बंटवारे में सब कुछ खत्म हो गया।
  • भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद दिल्ली आ गए और तांगा चलाकर अपना गुजर-बसर किया।
  • कुछ समय बाद दिल्ली में नौ फुट बाई चौदह फुट की दुकान खोली और अपने पुश्तैनी कारोबार मसाले का काम शुरू किया। लंदन-दुबई में भी इनका कारोबार है।
  • आज इनके मसालों की देश ही नहीं विदेश में भी काफी धूम है। दुनिया भर के कई शहरों में महाशियां दी हट्टी (एमडीएच) के ब्रांच हैं।
     

PunjabKesari

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!