Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Sep, 2019 10:48 AM
ऋण के बोझ से दबी आवास वित्त क्षेत्र की कंपनी डीएचएफएल ने समाधान योजना का मसौदा पेश किया है। इसमें उसने बकाया ऋण को शेयर में बदलने का प्रस्ताव रखा है। इस पर निवेशकों और बैंकों से मंजूरी मिलना बाकी है। डीएचएफएल में वाधवान परिवार की 39 प्रतिशत से
नई दिल्लीः ऋण के बोझ से दबी आवास वित्त क्षेत्र की कंपनी डीएचएफएल ने समाधान योजना का मसौदा पेश किया है। इसमें उसने बकाया ऋण को शेयर में बदलने का प्रस्ताव रखा है। इस पर निवेशकों और बैंकों से मंजूरी मिलना बाकी है। डीएचएफएल में वाधवान परिवार की 39 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। परिवार ने इस संकट से बाहर आने के कई तरीकों पर विचार करने के बाद यह प्रस्ताव किया है। इससे पहले वह समूह की इकाइयों में हिस्सेदारी बिक्री से लेकर मुख्य कंपनी में अपनी आधी हिस्सेदारी बेचने तक पर विचार कर चुका है।
डीएचएफएल का वित्तीय संकट पिछले साल के अंत में आईएलएफएस के दिवालिया होने के बाद सामने आया। कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि उसने 27 सितंबर को एक बैठक में समाधान का मसौदा पेश किया है। अभी इस पर बैंकों, वित्तीय संस्थानों, म्यूचुअल फंड कंपनियों, बीमा कंपनियों और अन्य संस्थागत बांडधारकों समेत अन्य सभी संस्थागत ऋणदाताओं से मंजूरी ली जानी बाकी है। कंपनी ने ऋणदाताओं के सामने उस पर बकाया ऋण के बदले 54 रुपए प्रति शेयर के भाव से कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने का प्रस्ताव रखा है।