Edited By Seema Sharma,Updated: 13 Jun, 2019 03:36 PM
कर्ज के बोझ तली दबी कंपनी डीएचएफएल के प्रवर्तक निजी इक्विटी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्हें कंपनी में अपनी करीब 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से एक अरब डॉलर (लगभग 6,900 करोड़ रुपए) एकत्र होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली: कर्ज के बोझ तली दबी कंपनी डीएचएफएल के प्रवर्तक निजी इक्विटी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्हें कंपनी में अपनी करीब 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से एक अरब डॉलर (लगभग 6,900 करोड़ रुपए) एकत्र होने की उम्मीद है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कंपनी के प्रवर्तक वधावन परिवार की डीएचएफएल में करीब 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सूत्रों ने कहा कि निजी इक्विटी कंपनियां लोन स्टार, एयॉन कैपिटल और केकेआर कंपनी के लिए यथोचित परिश्रम कर रही हैं और इस प्रक्रिया के नतीजों के आधार पर वे प्रवर्तकों को हिस्सेदारी की रणनीतिक ब्रिकी के संबंध में जानकारी देंगी।
सूत्रों ने कहा कि हिस्सेदारी की बिक्री से कंपनी अपने कर्ज- इक्विटी अनुपात को काफी कम कर सकेगी और यह कंपनी को फिर से पूरी ताकत के साथ कारोबार शुरू करने में मदद करेगी। कंपनी ने इस संबंध में कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तकों ने खुद को प्रबंधन से अलग करने की भी मंशा जताई है।