ICICI बैंक की कमिटी के सभी 12 सदस्यों को जानता था: धूत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Apr, 2018 12:05 PM

dhoot says personal ties do not always result in criminal acts

आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से कर्ज लेने के बादले में कथित तौर पर मदद पहुंचाने के मामले में सी.बी.आई. जांच के घेरे में आए वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कहा कि वह ऋण मंजूर करने वाली समिति के सभी 12 सदस्यों को जानते हैं

नई दिल्लीः आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से कर्ज लेने के बादले में कथित तौर पर मदद पहुंचाने के मामले में सी.बी.आई. जांच के घेरे में आए वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कहा कि वह ऋण मंजूर करने वाली समिति के सभी 12 सदस्यों को जानते हैं और कहा 2 लोगों के बीच व्यक्तिगत संबंध होने का परिणाम हमेशा आपराधिक कृत्य नहीं होता है।

रिपोर्टों में वीडियोकॉन समूह को ऋण मुहैया कराने के बदले आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की प्रमुख चंदा कोचर और उनके परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर मदद पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। आई.सी.आई.सी.आई. बैंक ने 2012 में वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपए का ऋण दिया था जो कि बाद में गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) में तब्दील हो गया। मामले में विवादखड़ा होने पर बैंक खुद कोचर के बचाव में आ गया।

वीडियोकॉन समूह पर चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स में निवेश का आरोप लगा है। आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से कर्ज मामले में चंदा कोचर से जुड़े सवाल पर धूत ने कहा कि इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं था। वह ऋण मंजूर करने वाली 12 सदस्यीय समिति की एक सदस्य मात्र थी, जिस समिति ने वीडियोकॉन समूह का 3,250 करोड़ रुपए का ऋण मंजूर किया था। धूत ने दावा किया कि वह बैंक के पूर्व चेयरमैन के वी कामत ( समिति के प्रमुख) के साथ तो वह अक्सर दोपहर में भोजन करते रहे हैं।

एक टी.वी. चैनल को दिए साक्षात्कार में धूत ने कहा कि दोनों लोगों के बीच व्यक्तिगत संबंधों का नतीजा हमेशा आपराधिक कृत्य नहीं होता है। इस मामले में सी.बी.आई. की प्रारंभिक जांच पर धूत ने कहा कि एजेंसी 'फर्जी शिकायतों' सहित सभी आरोपों की जांच कर रही है। 
   

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