Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Aug, 2020 11:35 AM
भारत में डिजिटल भुगतान के 2025 तक तीन गुना बढ़कर 7,092 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय समावेश को लेकर सरकारी नीतियों और कारोबार के बढ़ते डिजिटलीकरण के कारण ऐसा होगा।
नई दिल्लीः भारत में डिजिटल भुगतान के 2025 तक तीन गुना बढ़कर 7,092 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय समावेश को लेकर सरकारी नीतियों और कारोबार के बढ़ते डिजिटलीकरण के कारण ऐसा होगा। रेडसीर कंसल्टिंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि देश में डिजिटल भुगतान बाजार 2019-20 में लगभग 2,162 लाख करोड़ रुपए का था।
बेंगलुरु स्थित प्रबंधन परामर्श फर्म ने कहा, ‘‘इस समय 16 करोड़ मोबाइल उपयोगकर्ता डिजिटल भुगतान करते हैं, जिनकी संख्या 2025 तक पांच गुनी होकर 80 करोड़ हो जाएगी। यह वृद्धि कई तरह के मांग और आपूर्ति पक्ष के कारकों के चलते होगी।'' रिपोर्ट के मुताबिक कुल डिजिटल भुगतान में मोबाइल भुगतान की हिस्सेदारी 2025 तक करीब 3.5 प्रतिशत होगी, जो मौजूदा हिस्सेदारी के मुकाबले एक प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इस वृद्धि में वॉलेट की अहम भूमिका बनी रहेगी और इसके जरिए छोटे लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। रेडसीर का अनुमान है कि डिजिटल भुगतान में बढ़ोतरी खासतौर से ऑफलाइन व्यापारियों के चलते होगी और टियर-दो शहरों में असंगठित क्षेत्र के व्यवसायों के डिजिटलीकरण से इसे गति मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण पूरे भारत में डिजिटल लेनदेन बढ़ा है।