Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Oct, 2019 02:43 PM
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया है। बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में डीए यानी महंगाई भत्ता 5 फीसदी बढ़ाने पर फैसला हुआ। डीए 12 फीसदी से बढ़कर 17 फीसदी हो गया है। आपको बता दें कि इस फैसले से 50...
नई दिल्लीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया है। बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में डीए यानी महंगाई भत्ता 5 फीसदी बढ़ाने पर फैसला हुआ। केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता जुलाई 2019 से मिलेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऐलान किया कि कैबिनेट ने कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। डीए 12 फीसदी से बढ़कर 17 फीसदी हो गया है। आपको बता दें कि इस फैसले से 50 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा। वहीं, 62 लाख पेंशनधारकों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस फैसले से सरकार पर करीब 16000 करोड़ रुपए का भार बढ़ेगा।
दूसरी बार बढ़ा महंगाई भत्ता बीते एक साल में यह दूसरी बार है जब महंगाई भत्ता में इजाफा हुआ है। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के आखिरी महीनों में कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलने वाला महंगाई भत्ता 12 फीसदी कर दिया था। पहले महंगाई भत्ता 9 फीसदी मिलता था। तब सरकार ने बताया था कि इस फैसले से देश के खजाने पर 9168.12 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
क्या होता है महंगाई भत्ता
डियरनेस अलाउंस यानी महंगाई भत्ता वो होता है जो देश के सरकारी कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है। ये रकम इसलिए दी जाती है ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर में पैसे की वजह से कोई दिक्कत नहीं हो। ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन बेसिक के प्रतिशत के रूप में होती है। यह भत्ता कर्मचारी पर महंगाई का असर कम करने के लिए दिया जाता है।
साल 2006 में जब छठा वेतन आयोग आया था तब बेस ईयर 2006 कर दिया गया था। इससे पहले बेस ईयर 1982 था। अब सरकार ने यह व्यवस्था कर दी है कि बेस ईयर हर 6 साल पर बदला जाएगा।