ईधन कीमत के नियंत्रण मुक्त से पीछे हटने का सवाल नहीं: प्रधान

Edited By shukdev,Updated: 08 Oct, 2018 09:18 PM

do not question the withdrawal of fuel price control free pradhan

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि भले ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को पेट्रोल और डीजल पर एक रुपए की सब्सिडी देने को कहा है लेकिन पेट्रालियम ईंधन को कीमत नियंत्रण से मुक्त रखने के निर्णय से पीछे हटने का सवाल ही उठता...

नई दिल्ली: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि भले ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को पेट्रोल और डीजल पर एक रुपए की सब्सिडी देने को कहा है लेकिन पेट्रालियम ईंधन को कीमत नियंत्रण से मुक्त रखने के निर्णय से पीछे हटने का सवाल ही उठता है। दी एनर्जी फोरम के ऊर्जा क्षेत्र विषयक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के भाव के चार साल के उच्चतम स्तर 85 डालर प्रति बैरल पर पहुंचना एक चुनौती है। इसके कारण ईंधन के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।

उत्पाद शुल्क में कटौती तथा ईंधन पर सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के बावजूद दाम बढ़ रहे हैं। प्रधान ने कहा कि उन्होंने सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद ए अल फलीह से बात की थी और उन्हें जून में जताई गई प्रतिबद्धता की याद दिलाई। जून में उन्होंने कहा था कि ओपेक ईंधन के दाम में नरमी के लिए तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए 10 लाख बैरल प्रतिदिन उत्पादन बढ़ाएगा। उन्होंने कहा, ‘हो सकता है ओपेक जून में किए गए फैसले का अनुकरण नहीं कर रहा।’ एक तरफ अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के ऊंचे दाम तथा रुपए की विनिमय दर में गिरावट से आयात महंगा हुआ है। इसके कारण घरेलू बाजार में ईंधन के दाम बढ़ रहे हैं।

प्रधान ने कहा, ‘मूल्य नियंत्रण मुक्त व्यवस्था से पीछे नहीं हटना है।’ वर्तमान व्यवस्था के तहत पेट्रोलियम ईंधन के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रचलित मानक दर तथा रुपए की विनिमय दर में घट बढ़ के आधार पर रोज तय किए जाते हैं। इंडियन आयल कारपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि तेल कंपनियों को दैनिक आधार पर दरों में बदलाव की आजादी है और एक रुपये प्रति लीटर सब्सिडी अस्थायी कदम है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से चालू वित्त वर्ष में तेल कंपनियों के लाभ में 4,000 करोड़ रुपए से 4,500 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।

प्रधान ने कहा कि केंद्र ने अपनी ओर से पहल की है और अब राज्यों को आगे आना चाहिए तथा बिक्री कर या वैट में कमी लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहते लेकिन राज्यों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और मूल्य वद्र्धित (वैट) में कटौती करनी चाहिए।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!