Edited By Supreet Kaur,Updated: 13 Dec, 2019 05:11 PM
भारतीय विमानन कंपनियों को वित्त वर्ष 2019-20 में सम्मिलित रूप से 60 करोड़ डॉलर (4,230 करोड़ रुपए) से अधिक का घाटा हो सकता है जबकि पहले कंपनियों के कुल मिला कर फायदे में रहने का अनुमान था। विमानन क्षेत्र पर परामर्श देने वाली कंप...
नई दिल्लीः भारतीय विमानन कंपनियों को वित्त वर्ष 2019-20 में सम्मिलित रूप से 60 करोड़ डॉलर (4,230 करोड़ रुपए) से अधिक का घाटा हो सकता है जबकि पहले कंपनियों के कुल मिला कर फायदे में रहने का अनुमान था। विमानन क्षेत्र पर परामर्श देने वाली कंपनी सीएपीए ने जून के पूर्वानुमान में कहा था कि भारतीय विमानन कंपनियों को 2019-20 में सम्मिलित तौर पर 50-70 करोड़ डॉलर का शुद्ध लाभ हो सकता है।
सीएपीए इंडिया का वित्त वर्ष 2019-20 का अनुमान सही निकला तो यह घरेलू विमानन क्षेत्र के लिए 16 साल से अधिक की अवधि का सबसे खराब वर्ष साबित होगा। फर्म ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान नवंबर अंत के आकलन के हिसाब से घरेलू विमानन कंपनियों को सम्मिलित तौर पर 60 करोड़ डॉलर से अधिक का घाटा उठाना पड़ सकता है। सीएपीए की राय में स्थानीय एयरलाइनें जेट एयरवेज के बंद होने और ईंधन सस्ता होने का पूरा लाभ नहीं उठा सकीं।