Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Apr, 2019 06:28 PM
दूरसंचार विभाग ने भारती एयरटेल में टाटा टेलीसर्विसेज के विलय को मंजूरी दे दी है लेकिन इसके लिए एयरटेल से 7,200 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी मांगी है। डीओटी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
नई दिल्लीः दूरसंचार विभाग ने भारती एयरटेल में टाटा टेलीसर्विसेज के विलय को मंजूरी दे दी है लेकिन इसके लिए एयरटेल से 7,200 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी मांगी है। डीओटी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने 9 अप्रैल को विलय को सर्शत मंजूरी दी थी। टाटा टेली पर सरकार का कुछ बकाया है। इसे भी पहले चुकाना पड़ेगा।
एयरटेल ने अक्टूबर 2017 में टाटा टेलीसर्विसेज को खरीदने की घोषणा की थी। दोनों कंपनियों के बोर्ड और रेगुलेटर्स की मंजूरी के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने इसी साल जनवरी में विलय के प्रस्ताव को मंजूर किया था। इसके बाद सिर्फ डॉट की स्वीकृति बाकी रह गई थी। डील की शर्तों के मुताबिक एयरटेल 19 टेलीकॉम सर्किल में टाटा के मोबाइल बिजनेस का अधिग्रहण करेगी। मोबाइल बिजनेस में इसकी दो कंपनियां हैं। टाटा टेलीसर्विसेज और टाटा टेली महाराष्ट्र। टाटा टेलीसर्विसेज का ऑपरेशन 17 सर्किल में और टाटा टेली महाराष्ट्र का 2 सर्किल में है।
टाटा को स्पेक्ट्रम के भी कुछ पैसे देने हैं। एयरटेल इसे चुकाने पर सहमत है। इस डील से 1800, 2100 और 850 मेगाहर्ट्ज बैंड में एयरटेल को कुल 178.5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम मिल जाएगा। इस स्पेक्ट्रम बैंड का इस्तेमाल 4जी में होता है। टाटा टेली के सभी ग्राहक एयरटेल के ग्राहक बन जाएंगे। ग्राहक संख्या के हिसाब से एयरटेल अभी भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। वोडाफोन-आइडिया सबसे बड़ी है। तीसरे नंबर पर रिलायंस जियो है।