Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Feb, 2020 10:38 AM
दूरसंचार विभाग ने गेल इंडिया से 2017-18 के लिए 7,608 करोड़ रुपए का बकाया चुकाने को कहा है। हालांकि विभाग सार्वजनिक क्षेत्र की गैस इकाई पर पूर्व में आकलन के बाद बनी 1.83 लाख करोड़ रुपए की पुरानी देनदारी को चुकाने के लिए दबाव नहीं डाल रहा है।
नई दिल्लीः दूरसंचार विभाग ने गेल इंडिया से 2017-18 के लिए 7,608 करोड़ रुपए का बकाया चुकाने को कहा है। हालांकि विभाग सार्वजनिक क्षेत्र की गैस इकाई पर पूर्व में आकलन के बाद बनी 1.83 लाख करोड़ रुपए की पुरानी देनदारी को चुकाने के लिए दबाव नहीं डाल रहा है।
मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में 14 फरवरी को भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों पर बकाए को लेकर सुनवाई के बाद दूरसंचार विभाग ने गेल को नोटिस जारी किया था। सूत्रों ने बताया कि गेल से अब जो बकाया चुकाने को कहा गया है उसमें विलंब से भुगतान का जुर्माना भी शामिल है। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल अक्तूबर में इस मामले में जो व्यवस्था दी थी उसके हिसाब से भारती एयरटैल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों पर बकाया लाइसैंस शुल्क और स्पैक्ट्रम प्रयोग शुल्क के रूप में 1.47 लाख करोड़ रुपए की देनदारी बनी थी।
दूरसंचार विभाग ने यह मांग सकल समायोजित राजस्व (ए.जी.आर.) की परिभाषा पर 14 साल पुराने विवाद पर की है। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि ए.जी.आर. में दूरसंचार कंपनियों की सभी आय को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र की गैर-दूरसंचार कंपनियों मसलन गेल, आयल इंडिया और पावरग्रिड को दूरसंचार लाइसैंसों के लिए 3 लाख करोड़ रुपए चुकाने को कहा था। इन कंपनियों ने आंतरिक संचार के लिए यह लाइसैंस लिया था।
गेल अगले 5 साल में करेगी 1.05 लाख करोड़ रुपए का निवेश
देश की सबसे बड़ी गैस कंपनी गेल इंडिया लि. अगले 5 साल के दौरान गैस आधारित ढांचागत सुविधाओं में 1.05 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगी। कंपनी के नए चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मनोज जैन ने कहा कि इस राशि का निवेश पाइपलाइन विस्तार, शहरी गैस वितरण नैटवर्क और पैट्रोरसायन उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर किया जाएगा।