Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jul, 2018 10:32 AM
गुजरात का टैक्सटाइल उद्योग दोहरी मार से जूझ रहा है। गुजरात के टैक्सटाइल सैक्टर को सपोर्ट देने वाली प्रोसैस इंडस्ट्री आजकल संकट के दौर में है। चीन से आने वाला कच्चा माल और इंडोनेशिया से आने वाला कोयला दोनों महंगे हो गए हैं।
अहमदाबादः गुजरात का टैक्सटाइल उद्योग दोहरी मार से जूझ रहा है। गुजरात के टैक्सटाइल सैक्टर को सपोर्ट देने वाली प्रोसैस इंडस्ट्री आजकल संकट के दौर में है। चीन से आने वाला कच्चा माल और इंडोनेशिया से आने वाला कोयला दोनों महंगे हो गए हैं। नतीजा कारोबारियों को लागत निकालने में भी पसीने छूट रहे हैं।
आप जो कपड़े पहनते हैं वे तैयार होने से पहले डाईंग, ब्लीचिंग, प्रिंटिंग जैसे कई प्रोसैस से गुजरते हैं। कपड़े की यही प्रोसैसिंग करने वाले गुजरात के 1500 प्रोसैस हाऊस इन दिनों कच्चे माल की कीमतें बढऩे से मुश्किल में हैं। गुजरात में रोजाना 6 करोड़ मीटर कपड़ा प्रोसैस होता है और अलग-अलग तरह के 50 कलर्स का इस्तेमाल इसमें होता है।