बैंक के नाम पर देश में पैदा होने लगा संदेह, वित्त मंत्री ने कहा- बैंकों को मजबूती देने को किया गया विलय

Edited By Supreet Kaur,Updated: 25 Nov, 2019 11:24 AM

doubts started to arise in the name of the bank

बैंकों के बीच अपने कारोबार को तेजी से बढ़ाने की होड़-सी मची है। ऐसे में बैंक बिना अपनी क्षमता का आकलन किए पूरे देश में शाखा खोल देते हैं, जो कि आर्थिक तौर पर बैंकों के लिए नुक्सानदायक साबित हो रहा है जिससे मौजूदा बैंकिंग हालात को लेकर देश में बैंक...

नई दिल्लीः बैंकों के बीच अपने कारोबार को तेजी से बढ़ाने की होड़-सी मची है। ऐसे में बैंक बिना अपनी क्षमता का आकलन किए पूरे देश में शाखा खोल देते हैं, जो कि आर्थिक तौर पर बैंकों के लिए नुक्सानदायक साबित हो रहा है जिससे मौजूदा बैंकिंग हालात को लेकर देश में बैंक शब्द के नाम पर संदेह पैदा होने लगा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु स्थित सिटी यूनियन बैंक के 116वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए देश के मौजूदा बैंकिंग हालात पर यह टिप्पणी की।

वित्त मंत्री निर्मला ने नसीहत देते हुए कहा कि बैंकों को अपनी ताकत और कमजोरी का आकलन करके धीरे-धीरे विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में बैंकिंग सैक्टर में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसके कारण बैंकों को आर्थिक नुक्सान के साथ-साथ छवि का भी नुक्सान हुआ है। बैड लोन का बोझ बहुत अधिक हो गया है। वित्त मंत्री की मानें, तो बैंकों को मजबूत करने के लिए अगस्त के महीने में सरकार ने देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय कर दिया था। 6 छोटे-छोटे बैंकों को 4 बड़े बैंकों में विलय कर दिया गया था। इससे बैंकों का आकार बढ़ गया और लोन बांट पाने की क्षमता भी बढ़ी है।

कॉर्पोरेट कंपनियों को क्रैडिट रेटिंग देगी सरकार
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार कॉर्पोरेट कंपनियों को क्रैडिट रेटिंग देने के बारे में विचार कर रही है। यह रेटिंग तैयार करने के लिए सरकार कई क्रैडिट रेटिंग एजैंसियों से पूरी प्रक्रिया जान रही है। चेन्नई में एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने कई रेटिंग एजैंसियों से मुलाकात की और यह जाना कि वे कैसे कंपनी की रेटिंग, उसके एसेट्स तय करते हैं और यह देश की अर्थव्यवस्था से कैसे मेल खाते हैं, किसी कंपनी का नाम लिए बगैर सीतारमण ने कहा कि एएए रेटिंग के बावजूद कॉर्पोरेट ठप्प पड़े हैं और इससे लोगों में हैरानी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैंकों की ओर से जिस तरह से कॉर्पोरेट कंपनियों की संपत्ति की गुणवत्ता का आकलन किया जा रहा है और जिस तरह से क्रैडिट रेटिंग दी जा रही है, उस पर भी मंथन हो रहा है। सीतारमण ने कहा कि सरकार वित्तीय क्षेत्र के रैगुलेटरों जैसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया को और ताकतवार बनाने की योजना भी बना रही है। कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का हवाला देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न सैक्टर्स की जरूरतों पर तेजी से प्रतिक्रिया दे रही है।

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