Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Apr, 2022 12:22 PM
अगले दो साल में काम का दबाव या अत्यधिक काम का बोझ (बर्नआउट), कार्य घंटों में लचीलेपन की कमी की वजह से बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ने की योजना बनाई है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है
मुंबईः अगले दो साल में काम का दबाव या अत्यधिक काम का बोझ (बर्नआउट), कार्य घंटों में लचीलेपन की कमी की वजह से बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ने की योजना बनाई है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी के बीच बड़ी संख्या में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने के मामले सामने आ रहे हैं। विशेष रूप से महिला कर्मचारियों द्वारा लगातार नौकरी छोड़ने का सिलसिला जारी है।
डेलॉयट की ‘महिलाएं@कार्य-2022: एक वैश्विक परिदृश्य' रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 56 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि एक साल पहले की तुलना में उनके तनाव का स्तर ऊंचा था और करीब आधी महिलाएं काम के बोझ की वजह से थकावट महसूस कर रही हैं। यह रिपोर्ट नवंबर, 2021 से फरवरी, 2022 के बीच 10 देशों में सर्वे पर आधारित है। इसमें 5,000 महिलाओं के विचार लिए गए। इनमें से 500 महिलाएं भारत की हैं। सर्वेक्षण में शामिल आधी से ज्यादा महिलाएं अगले दो वर्षों में अपने नियोक्ता को छोड़ना चाहती हैं। इनमें से केवल नौ प्रतिशत महिलाओं ने ही अपने वर्तमान नियोक्ता के साथ पांच साल से अधिक समय तक काम करने की योजना बनाई है।