सूखे के कारण चीनी उत्पादन में 15% कमी आने का अनुमान, महाराष्ट्र पर सबसे ज्यादा असर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jun, 2019 02:17 PM

due to the drought 15 reduction in sugar production

देश में गन्ना उत्पादक राज्यों पर सूखे की मार पड़ने से इस साल चीनी का उत्पादन कम रहने का अनुमान है। यह 15 फीसदी कम होकर तीन साल के निचले स्तर पर जा सकता है। दूसरे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में सूखे का सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका है।

नई दिल्लीः देश में गन्ना उत्पादक राज्यों पर सूखे की मार पड़ने से इस साल चीनी का उत्पादन कम रहने का अनुमान है। यह 15 फीसदी कम होकर तीन साल के निचले स्तर पर जा सकता है। दूसरे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में सूखे का सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका है।

राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे का कहना है कि ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश भारत 2019-20 में सूखे की मार झेल रहा है। इस कारण अक्तूबर में खत्म होने वाले चीनी वित्त वर्ष में कुल उत्पादन घटकर 2.8 से 2.9 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इससे पहले के वित्त वर्ष में यह 3.3 करोड़ टन रहा था, जबकि उसके पहले 3.2 करोड़ टन चीनी उत्पादन हुआ था। इस तरह चालू वित्त वर्ष में यह तीन वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड चीनी उत्पादन करने वाला भारत सूखे की मार की वजह से इस साल ब्राजील के मुकाबले और पीछे चला जाएगा।

महाराष्ट्र-कर्नाटक पर ज्यादा मार
सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्यों में शामिल महाराष्ट्र और कर्नाटक में सूखे की मार सबसे ज्यादा पड़ी है। महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड का कहना है कि कम बारिश की वजह से इस साल प्रदेश में गन्ने का रकबा करीब 28 फीसदी कम हो गया है। इस कारण चीनी उत्पादन भी पिछले साल के 65 लाख टन के मुकाबले 39 फीसदी कम रहने का अनुमान है। कर्नाटक में अमूमन 5 जून को और महाराष्ट्र में 10 जून को मानसून आ जाता है लेकिन इस साल इसमें काफी देरी हो रही है।

चारे में हो रहा इस्तेमाल
सूखे की मार झेल रहे राज्यों में पानी की कमी के कारण जानवरों के लिए चारे का उत्पादन भी नहीं हो सका है। ऐसे में किसान गन्ने का इस्तेमाल अपने जानवरों के चारे के रूप में कर रहे हैं। महाराष्ट्र के एक किसान रामदास पवार का कहना है कि उन्होंने दो एकड़ गन्ने की खेती को मवेशियों के शिविरों में बेच दिया। उन्होंने कहा कि अगले 6-8 महीने तक इसकी सिंचाई का साधन नहीं है और चारे के खरीदार मिलों की अपेक्षा बेहतर दाम भी दे रहे हैं।

बढ़ सकते हैं घरेलू दाम
पिछले साल चीनी का बंपर उत्पादन होने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में भारी गिरावट आई थी। साथ ही वैश्विक स्तर पर भी चीनी के दाम 20 फीसदी तक लुढ़क गए थे। एस्मा के अनुसार, देश में चीनी का भंडार काफी ज्यादा बढ़ गया है और इस साल उत्पादन कम होने से इसे खपाने में मदद मिलेगी। साथ ही कीमतों को भी सहारा मिलेगा जिसका लाभ मिलों और किसानों तक पहुंचेगा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!