नरमी के चलते कंपनियां कर्ज अदायगी में कर सकती हैं चुक

Edited By vasudha,Updated: 02 Mar, 2020 05:52 PM

due to the softening companies can repay the debt

अर्थव्यवस्था में लंबे समय से जारी सुस्ती के बीच कुल 10.52 लाख करोड़ रुपये के बराबर कंपनी कर्ज में चूक की आशंका है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर...

बिजनेस डेस्क: अर्थव्यवस्था में लंबे समय से जारी सुस्ती के बीच कुल 10.52 लाख करोड़ रुपये के बराबर कंपनी कर्ज में चूक की आशंका है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर, 2019 को समाप्त तिमाही में 4.7 प्रतिशत रही जो सात साल का न्यूनतम स्तर है। एनएसओ ने पिछले सप्ताह जारी दूसरे अग्रिम अनुमान में 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।


इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा कि कंपनियों का ऋण दबाव में रह सकता है। इसका कारण अर्थव्यवस्था में लंबे समय से जारी सुस्ती है। रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि कंपनियों के कम-से-कम 10.52 लाख करोड़ रुपये के कर्ज लौटाने में अगले तीन साल में चूक की आशंका है। यह कंपनियों के कुल कर्ज का करीब 16 प्रतिशत है। रिपोर्ट में निजी क्षेत्र की शीर्ष 500 कंपनियों द्वारा जुटाये गये कर्ज के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है।


इसमें इन कंपनियों के उत्पादक और गैर-उत्पादक परिसपंत्तियों का आकलन किया गया। इसमें लौटाने के जोखिम तथा 11 क्षेत्रों के लिये संपत्ति गुणवत्ता का विश्लेषण कर दबाव वाले कर्ज को चिन्हित किया गया है। इन 11 क्षेत्रों में रीयल एस्टेट, बिजली, वाहन एवं वाहन अनुषंगी, दूरसंचार तथा बुनियादी ढांचा समेत अन्य शामिल हैं। रेटिंग एजेंसी के अनुसार दबाव वाले कुल ऋण में से करीब 25 प्रतिशत कर्ज पिछला बकाया श्रेणी में जा सकता है। इससे 2540 अरब रुपये पिछले बकाये कर्ज में जुड़ सकते हैं।
 

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