ट्रेड वॉर और चुनावों के चलते भारतीय निवेशकों के डूबे 104.7 बिलियन डॉलर

Edited By vasudha,Updated: 16 May, 2019 10:50 AM

due to trade war and elections indian investors drown 104 7 billion

मई महीने की शुरूआत से शेयर बाजार में हुई गिरावट के चलते शेयर बाजार का  मार्कीट कैपिटलाइजेशन 104.7 बिलियन डॉलर कम हो गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो शेयर बाजार में निवेश करने वालों को मई महीने में ही इतने डॉलर की चपत लग गई है...

नई दिल्ली: मई महीने की शुरूआत से शेयर बाजार में हुई गिरावट के चलते शेयर बाजार का  मार्कीट कैपिटलाइजेशन 104.7 बिलियन डॉलर कम हो गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो शेयर बाजार में निवेश करने वालों को मई महीने में ही इतने डॉलर की चपत लग गई है। देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के अलावा ग्लोबल कारणों के कारण पिछले कुछ दिनों से बाजार में गिरावट देखी जा रही है और डॉलर की वैल्यू के लिहाज से बाजार में 4.8 फीसदी की गिरावट आई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान चीन का बाजार भी 5.59 प्रतिशत तक गिरा है। हालांकि इस साल में चीन के शेयर बाजार का मार्कीट कैपिटलाइजेशन 24.28 फीसदी बढ़ा है और यह दुनिया के टॉप-10 शेयर बाजारों में से एक है।

9वें नंबर पर पहुंचा भारतीय शेयर बाजार
इस समय अमरीका के शेयर बाजार की मार्कीट कैपिटलाइजेशन 31.17 ट्रिलियन डॉलर है जबकि चीन का बाजार 6.68 ट्रिलियन डॉलर का है। पिछले 2 हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार में हुई गिरावट के चलते इसका मार्कीट कैपिटलाइजेशन 2.08 ट्रिलियन डॉलर रह गया है और भारतीय शेयर बाजार मार्कीट कैप के लिहाज से 9वें नंबर पर पहुंच गया है जबकि कनाडा और जर्मनी इस मामले में 7वें व 8वें नंबर पर हैं। हालांकि 2019 में भारतीय शेयर बाजार ने 3.38 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की थी लेकिन पिछले 2 हफ्तों में इसमें 4.6 फीसदी की गिरावट भी दर्ज हो गई। 

मिड कैप में आई गिरावट 
इस दौरान बॉम्बे एक्सचेंज के स्माल कैप और मिड कैप शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। हालांकि सैंसेक्स की वैल्यू जनवरी के बाद से बढ़ी है। सैंसेक्स के मौजूदा स्तरों पर मिड कैप की हिस्सेदारी 13.07 फीसदी है जबकि जनवरी में यह हिस्सेदारी 13.68 फीसदी रही। 2019 के दौरान मिड कैप में 8.51 फीसदी और स्माल कैप में 6.15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

तेल की कीमतों ने बढ़ाई मुश्किलें 
अमरीका व चीन के मध्य चल रही ट्रेड वॉर के भारत पर पडऩे वाले प्रभाव, देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चिता की स्थिति और देश में आ रहे कम्पनियों के तिमाही नतीजों के अलावा इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के डाटा और आर्थिक तरक्की की घटती रफ्तार के संकेतों का मार्कीट पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जानकारों का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों की चल रही तेजी ने भी शेयर बाजार की गिरावट की आग में घी का काम किया है। 

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