Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Oct, 2018 10:45 AM
बिजली वाहनों से परिचालन को सरकार द्वारा बढ़ावा दिए जाने के बावजूद वित्तवर्ष 2017 के मुकाबले वित्तवर्ष 2018 में ई-कारों की बिक्री 40 प्रतिशत घटकर 1,200 इकाई रह गई जबकि ई-दोपहिया वाहनों की बिक्री
मुंबईः बिजली वाहनों से परिचालन को सरकार द्वारा बढ़ावा दिए जाने के बावजूद वित्तवर्ष 2017 के मुकाबले वित्तवर्ष 2018 में ई-कारों की बिक्री 40 प्रतिशत घटकर 1,200 इकाई रह गई जबकि ई-दोपहिया वाहनों की बिक्री समान अवधि में 138 प्रतिशत बढ़कर 54,800 इकाई हो गई। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
ई-वाहन उद्योग से जुड़े सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 में देश में सड़कों पर 56,000 इलेक्ट्रिक वाहन थे, जिनमें से ई-कार 1,200 इकाइयां थीं, जबकि बाकी 54,800 इकाइयां दोपहिया वाहन थीं। आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016 में देश में 20,000 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बेचे गए थे, जो कि वित्त वर्ष 17 में 23,000 इकाई हो गया था। समान वर्ष के दौरान 2,000 ई-कारें बेची गईं और जो बिक्री वित्तवर्ष 2017 में स्थिर बनी रही। आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2016 में सड़कों पर केवल 22,000 इलेक्ट्रिक वाहन थे, जो वित्त वर्ष 2017 में बढ़कर 25,000 हो गई।
सोसायटी में कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक सोहिंदर गिल के मुताबिक, बढ़ती संख्या इस बात का संकेत हैं कि लोग ई-वाहनों को आर्थिक रूप से लाभप्रद और परिवहन के स्वच्छ मान रहे हैं। उन्होंने ई-कारों की बिक्री में कमी आने के लिए 'बुनियादी ढांचे की कमी, नीति की अस्पष्टता को जिम्मेदाार ठहराया, जो अभी भी विकास की राह की प्रमुख बाधाएं हैं।'
हालांकि उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये वर्ष विशेष रूप से इलेक्ट्रिक द्विपहिया खंड के लिए सकारात्मक दिखाई देता है और हम इस क्षेत्र के पिछले साल की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद करते हैं। यह ध्यान देने की बात है कि केंद्र ऊर्जा दक्षता सेवाओं के तहत विद्युत चालित परिवहन को बढ़ा रही है, जिसने 10,000 ई-कारों का आर्डर किया है। टाटा मोटर्स और महिंद्रा ने 500 इकाइयों के वितरण का पहला चरण पूरा कर लिया है लेकिन उन सरकारी संगठनों ने उन्हें खरीदा है, वे बैटरी के टिकाऊपन की खराब स्थिति के कारण उनके प्रदर्शन से नाखुश हैं।