Edited By Supreet Kaur,Updated: 29 Sep, 2018 11:57 AM
ई-कॉमर्स कंपनियों को गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) सिस्टम के तहत टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (टीसीएस) के कलेक्शन के लिए उन सभी राज्यों में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जहां उसके सप्लायर मौजूद हैं। इसके साथ ही विदेशी कंपनियों को ऐसे रजिस्ट्रेशन...
नई दिल्लीः ई-कॉमर्स कंपनियों को गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) सिस्टम के तहत टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (टीसीएस) के कलेक्शन के लिए उन सभी राज्यों में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जहां उसके सप्लायर मौजूद हैं। इसके साथ ही विदेशी कंपनियों को ऐसे रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एक ‘एजेंट’ भी नियुक्त करना होगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने यह जानकारी दी है।
29 FAQs और उनके उत्तर जारी
बता दें कि ई-कॉमर्स कंपनियों को 1 अक्टूबर से अपने सप्लायर्स को पेमेंट करने से पहले 1 फीसदी टीसीएस की कटौती करनी होगी। सीबीआईसी ने हाल में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा टीसीएस की कटौती के दौरान पालन की जाने वाली प्रक्रिया से संबंधित इंड्स्ट्री की क्वेरीजी से संबंधित 29 एफएक्यू और उनके उत्तर जारी किए हैं। इसमें कहा गया कि भले ही ई-कॉमर्स कंपनियों ने जीएसटी के अंतर्गत एक सप्लायर के तौर पर या जीएसटीआईएन का रजिस्ट्रेशन करा रखा है, इसके बावजूद उन्हें टीसीएस के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
हर राज्य में कराना होगा रजिस्ट्रेशन
सीबीआईसी ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां को हर इंट्रा स्टे या इंटर स्टेट सप्लाई के लिए टीसीएस कलेक्ट करने के लिए खुद को हर राज्य/संघ शासित राज्य में रजिस्टर करना होगा। सीबीआईसी ने कहा, ‘हर राज्य/संघ शासित राज्य में रजिस्ट्रेशन लेने के क्रम में ई-कॉमर्स कंपनी को ऐसे राज्य/संघ शासित राज्य में रजिस्टेशन लेने के लिए अपना हेडक्वार्टर घोषित करना होगा, जहां उनकी फिजिकल मौजूदगी नहीं है।’