Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Apr, 2018 11:19 AM
व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया कि ई-कॉमर्स कंपनियों के मुद्दे पर वाणिज्य मंत्रालय कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है जिससे देश का खुदरा व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
नई दिल्लीः व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया कि ई-कॉमर्स कंपनियों के मुद्दे पर वाणिज्य मंत्रालय कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है जिससे देश का खुदरा व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
कैट ने सरकार की उदासीनता पर गहरा रोष जताते हुए कहा कि ऐसा लगता है सरकार स्थानीय व्यापार के स्थान पर विदेशी कंपनियों को ज्यादा तरजीह दे रही है जिससे कि वे सरकार की मदद से भारत के खुदरा व्यापार पर ई-कॉमर्स और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) के माध्यम से कब्जा कर सकें। कैट ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर आरोप लगाते हुए कहा की ये कंपनियां सरकार की एफ.डी.आई. नीति का खुला उल्लंघन करते हुए सीधे उपभोक्ताओं को सामान बेच रही हैं। नीति के अनुसार ये कंपनियां केवल बिकानेस टु बिकानेस व्यापार ही कर सकती हैं।
भारी छूट ने बिगाड़ी बाजार की कीमत
कैट के अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ये कंपनियां भारी मात्रा में छूट और अन्य योजनाओं के जरिए बाजार कीमत बिगाड़ रही हैं। इससे देश का खुदरा क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिकायतों पर कार्रवाई करना तो दूर इस विषय पर अभी तक एक भी कदम नहीं उठाया गया। यही नहीं सरकार ने एकल ब्रांड में 100 प्रतिशत एफ.डी.आई. को मंजूरी देते हुए देश के खुदरा व्यापार की कमर तोडऩे का पूरा इंतकााम कर दिया है।