रिलायंस की ई-कॉमर्स बाजार में एंट्री से ऑनलाइन रिटेल बिजेनस बड़ा होगा: फ्लिपकार्ट सीईओ

Edited By Yaspal,Updated: 23 Apr, 2019 12:56 AM

e commerce market will be bigger with reliance online retail business

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस ई-कॉमर्स के क्षेत्र में भी कदम रखने जा रही है। कंपनी का कहना है कि जैसे जीयों ने मार्किट में धमाकेदार एंट्री के साथ दूरसंचार क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था। वै....

मुंबई: मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस ई-कॉमर्स के क्षेत्र में भी कदम रखने जा रही है। कंपनी का कहना है कि जैसे जीयों ने मार्किट में धमाकेदार एंट्री के साथ दूरसंचार क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था। वैसे ही रिलायंस देश के ई-कॉमर्स क्षेत्र में बड़े उलटफेर कर देगा। इस क्षेत्र की दिग्गज फ्लिपकार्ट और अमेजॉन को टक्कर देगा। हालांकि, फ्लिपकार्ट ग्रुप के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति की इस बारे में सोच कुछ अलग है। 

नए नवाचारों को होगें बडे़ फायदें
केंद्र सरकार द्वारा फरवरी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए नियमों को सख्त करने के बाद भारत में ऑनलाइन रिटेल की पहुंच बहुत कम हो गई है। इसका आकार फैलाने के लिए इसकी राह में आने वाली कुछ दिक्कतों को दूर करने की जरूरत होगी। एक्सक्लूसिव साक्षात्कार में कृष्णमूर्ति का कहना है कि हमारा मानना है कि अगर इस क्षेत्र में ज्यादा खिलाड़ी होंगे तो इससे बाजार और बड़ा होगा। यह सभी हितधारकों जैसे किराना स्टोर्स, छोटे और मध्यम आकार के मर्चेंट्स और उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होगा। इन सभी हितधारकों को क्षेत्र में नित ।' 

अमेजॉन और फ्लिपकार्ट देगा टक्कर
दुनिया के 13वें सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी इस साल के अंत में अपनी ऑनलाइन रिटेल कंपनी लॉन्च कर ऑनलाइन रिटेल मार्केट में खलबली मचा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक रिलायंस ग्रुप ने अपने ब्रांड को फ्लिपकार्ट और अमेजॉन सहित अपने संभावित प्रतिद्वंद्वियों के ऑनलाइन मार्केटप्लेस से हटाना शुरू कर दिया है। मॉर्गन स्टेनली के अनुमान भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में जेफ बेजॉस की अमेजॉन और फ्लिपकार्ट दो दिग्गज कंपनियां कारोबार कर रही हैं।

मार्किट में बढ़ेगा निवेंश
वर्ष 2027 तक इनका कारोबार 200 अरब डॉलर को छू सकता है। तेल से लेकर रिटेल तक का कारोबार करने वाली कंपनी के लिए रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के जरिये ई-कॉमर्स का फायदा उठाने का माकूल मौका है। कृष्णमूर्ति ने कहा है कि फ्लिकार्ट उन सभी कायदे-कानून का समर्थन करती है। जिससे क्षेत्र में स्थिरता लाने और एक ग्रोथ आधारित नियामकीय ढांचा बनाने में मदद मिलती है। मर्चेंट और ग्राहक दोनों को फायदा होता है। उन्होंने कहा है कि एक फरवरी के बाद ई-कॉमर्स के नियमों में बदलाव होने के बाद फ्लिपकार्ट के कारोबार पर से कोई फर्क नहीं पड़ा है।
 


 

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