Edited By Isha,Updated: 30 Jan, 2019 05:10 PM
खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-वाणिज्य क्षेत्र के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रावधानों की समयसीमा एक फरवरी से बढ़ाने के किसी भी तरह के कदम का विरोध किया है। संगठन ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि
नई दिल्लीः खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-वाणिज्य क्षेत्र के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रावधानों की समयसीमा एक फरवरी से बढ़ाने के किसी भी तरह के कदम का विरोध किया है। संगठन ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह के किसी कदम से छोटे कारोबारी राष्ट्रीय अभियान शुरू करने पर मजबूर हो जाएंगे जिसका राजनीतिक असर हो सकता है।
अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी ई-वाणिज्य कंपनियों ने एक फरवरी की समयसीमा को बढ़ाने की मांग की है। इन कंपनियों का कहना है कि उन्हें रूपरेखा को समझने के लिये अधिक समय की जरूरत है। कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु से कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहूंगा कि यदि कोई ढील दी गयी तो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के छोटे कारोबारी राष्ट्रीय अभियान छेडऩे पर मजबूर हो जाएंगे। इसके राजनीतिक परिणाम भी हो सकते हैं।’’
संगठन ने सरकार से किसी भी तरह के दबाव में नहीं आने तथा एक फरवरी से नीति के क्रियान्वयन पर टिके रहने का अनुरोध किया। कैट ने ई-वाणिज्य कंपनियों द्वारा पिछले दो साल में किये लेन-देन की जांच के लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने की भी मांग की।