सर्विस टैक्स खत्म होने के बाद भी महंगा मिलेगा ई-टिकट

Edited By ,Updated: 02 Feb, 2017 01:14 PM

e ticket would expensive after reduction of service tax

केंद्र वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा बुधवार को पेश किए गए आम बजट में किए गए प्रावधानों के जरिए ऑनलाइन टिकट कराने पर लगने वाले सर्विस टैक्स को खत्म कर दिया गया है।

नई दिल्लीः केंद्र वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा बुधवार को पेश किए गए आम बजट में किए गए प्रावधानों के जरिए ऑनलाइन टिकट कराने पर लगने वाले सर्विस टैक्स को खत्म कर दिया गया है। इस फैसले को रेल यात्रियों के लिए बड़ी राहत करार दिया जा रहा है। यहां बताना लाजिमी होगा कि खिड़की और ऑनलाइन रेल टिकट कराने पर सिर्फ सर्विस टैक्स का ही फर्क नहीं होता, बल्कि कई बैंकों को ट्रांजेक्शन चार्ज 10 रुपए भी देना होता है। वहीं ई-टिकट लेने पर ऐसी कई अन्य सुविधाएं भी यात्रियों को नहीं मिल पाएंगी, जो खिड़की से टिकट खरीदने पर मिलती हैं।

ई-टिकट पर नहीं मिलती ज्यादा सुविधाएं
बता दें कि नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार ने 'डिजिटल लेनदेन' को बढ़ावा देने के मकसद से ऑनलाइन रेल टिकट लेने पर लगने वाले सर्विस टैक्स पर 22 नवंबर से 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी थी। आईआरसीटीसी के जरिए स्लीपर टिकट बुक कराने पर 20 रुपए और वातानुकूलित श्रेणी में 40 रुपए सर्विस टैक्स देना पड़ता था। खिड़की से टिकट कराने पर मिलने वाली सुविधाएं भी ऑनलाइन टिकट में नहीं मिलती हैं।

लंबी रेल यात्रा पर नहीं मिलता रियायती लाभ
आरटीआई ऐक्टिविस्ट मध्यप्रदेश के नीमच जिले के निवासी चंद्रशेखर गौर ने खिड़की और ऑनलाइन टिकट की सुविधाओं में अंतर को लेकर पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय पब्लिक ग्रीवंस के जरिए प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने अपने आवेदन में लिखा था कि लंबी दूरी की यात्रा के लिए दो गाड़ियों के ऑनलाइन टिकट बनवाने पर दो बार आरक्षण शुल्क लगता है और दूर की यात्रा का रियायती लाभ भी नहीं मिलता।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!